हरियाणा सरकार का बड़ा कदम, 500 से अधिक क्रेच सेंटर खोलने का ऐलान!

योजना की शुरुआत और पहले चरण की जानकारी
इस योजना के पहले चरण में, महिला एवं बाल विकास विभाग ने 15 जिलों में 165 क्रेच सेंटर शुरू कर दिए हैं। यह कदम राज्य में महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ बच्चों की उचित देखभाल के लिए एक सकारात्मक पहल है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पहल
इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इस योजना की घोषणा की थी, और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसे लागू किया है। इस योजना के माध्यम से कामकाजी महिलाओं को अपने बच्चों की देखभाल के लिए एक सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प मिलेगा, जिससे वे अपनी कार्यस्थल पर बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी।
हरियाणा पहला राज्य बना
हरियाणा ने देश में क्रेच नीति लागू करने वाला पहला राज्य बनकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। 21 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में इस नीति की शुरुआत की गई थी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य 8 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क, समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बाल देखभाल सेवाएं प्रदान करना है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस क्रेच सेंटर
इस योजना के तहत आधुनिक सुविधाओं से लैस क्रेच सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन क्रेच सेंटरों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभाग ने मोबाइल क्रेच संगठन के साथ एक एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किया है। यह योजना कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, क्योंकि इससे उन्हें अपने बच्चों की देखभाल की चिंता नहीं रहेगी।
क्रेच कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए मानदेय
हरियाणा सरकार ने क्रेच नीति के तहत क्रेच कार्यकर्ताओं और सहायकों के लिए मानदेय तय किया है। क्रेच कार्यकर्ताओं को 15,000 रुपये और सहायकों को 7,500 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इन केंद्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी सेवाओं का उचित मूल्य मिले।