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Cheque Bounce : कैसे होता है चेक बाउंस, जानिए सारे नियम ?

अगर आप भी चेक का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद खास है आपको चेक के इन नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए अगर आपका चेक बाउंस हो जाता है तो आपको क्या-क्या जुर्माना चुकाना पड़ता है आईए जानते हैं
 
Cheque Bounce : कैसे होता है चेक बाउंस, जानिए सारे नियम ?

Haryana Update : आज के समय में बेशक ज्‍यादातर लोग पैसों का लेन-देन ऑनलाइन  करना पसंद करते हैं, लेकिन फिर भी Cheque की उपयोगिता अभी भी कम नहीं हुई है। तमाम कामों के लिए आज भी Cheque से Payment की जरूरत पड़ती है। लेकिन कई बार कुछ गलतियों  के चलते Cheque bounce हो जाता है। Cheque bounce होने का मतलब है कि, उस Cheque से जो पैसा न मिलना था, वह न मिल सका।

 
Cheque bounce की स्थिति में Bank Penalty वसूलता है। अलग-अलग बैंकों में Cheque bounce की Penalty अलग-अलग होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में Cheque bounce के मामले में आप पर Case भी हो सकता है और आपको जेल भी जाना पद सकत है। आइए बताते हैं कि किन वजेहो से Cheque bounce होता है, ऐसे में कितना Penalty वसूला जाता है और कब मुकदमे की नौबत आती है।

Cheque bounce को माना जाता है अपराध
 
भारत में Cheque bounce होने को एक गलत या अपराध माना जाता है। Cheque bounce नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट act, 1881 के मुताबिक Cheque bounce होने की स्थिति में व्‍यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। उसे 2 साल तक की जेल या Cheque में भरी राशि का डबल Penalty या दोनों लगाया जा सकता है। हालांकि ये उसी स्थिति में होता है जब Cheque देने वाले के account में पर्याप्‍त Balance न हो और Bank Cheque को डिसऑनर कर दे।

 
कब आती है मुकदमे की नौबत
 
ऐसा नहीं Cheque डिसऑनर होते ही भुगतानकर्ता पर मुकदमा चला दिया जाता है। Cheque के बाउंस होने पर Bank की तरफ से पहले लेनदार को एक रसीद दी जाती है, जिसमें Cheque bounce होने की वजह के बारे में बताया जाता है। इसके बाद लेनदार को 30 दिनों के अंदर देनदार को Notice भेजना होता है। अगर Notice के 15 दिनों के अंदर देनदार की तरफ से कोई जवाब न आए तो लेनदार मजिस्ट्रेट की अदालत में Notice में 15 दिन गुजरने की तारीख से एक महीने के अंदर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 
 
अगर इसके बाद भी आपको रकम का भुगतान नहीं किया जाता है तो देनदार के खिलाफ केस किया जा सकता है। Negotiable Instrument Act 1881 की धारा 138 के मुताबिक Cheque का बाउंस होना एक दंडनीय अपराध है और इसके अलावा दो साल की सजा और Penalty या फिर दोनों का प्रावधान है।


ये हैं Cheque bounce होने के कारण

ओवर राइटिंग 
Cheque की समय सीमा समाप्‍त होना
Cheque जारी करने वाले का अकाउंट बंद होना
जाली Cheque का संदेह 
अकाउंट में Balance न होना या कम होना 
अकाउंट नंबर में गलती
Cheque पर कंपनी की मुहर न होना आदि
कितना Penalty देना होता है
सिग्‍नेचर मैच न होना
शब्‍द लिखने में गलती

Cheque bounce होने पर Bank Penalty भी वसूल करते हैं। Penalty उस इंसान को देना पड़ता है जिसने Cheque को जारी किया है।

ये Penalty वजहों के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर 150 रुपए से लेकर 750 या 800 रुपए तक Penalty वसूला जाता है।


 

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