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Cheque Bounce: हाईकोर्ट का अहम निर्णय, चेक बाउंस मामलों में लागू होगा ये नियम!

Cheque Bounce: चेक बाउंस मामलों को लेकर हाईकोर्ट का अहम फैसला, अब नया नियम लागू होगा। कोर्ट ने साफ किया कि अब इस तरह के मामलों में यह नया नोटिस मान्य होगा, जिससे कानूनी प्रक्रिया और मजबूत होगी। इससे चेक बाउंस से जुड़े मामलों में तेजी आएगी और न्याय मिलने में आसानी होगी। जानें हाईकोर्ट के इस फैसले का पूरा असर और क्या बदलेगा नियम। नीचे जानें पूरी डिटेल।
 
 
Cheque Bounce: हाईकोर्ट का अहम निर्णय, चेक बाउंस मामलों में लागू होगा ये नियम!
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Haryana update, Cheque Bounce: हाल ही में Ilahabad उच्च न्यायालय ने चेक बाउंस के मामलों में एक अहम decision सुनाया है, जिसमें यह कहा गया कि डिजिटल माध्यम से भेजा गया Notice – जैसे कि E-mail या व्हाट्सएप – वैध माना जाएगा, बशर्ते कि वह IT एक्ट की धारा 13 के नियमों के अनुरूप हो।

मुख्य बिंदु:

डिजिटल Notice की वैधता: Cheque Bounce

Ilahabad HC ने यह स्पष्ट किया कि अगर चेक बाउंस के मामले में Notice इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जाता है, तो उसे कानूनी रूप से मान्यता मिलेगी। इसे IT एक्ट की धारा 4 और 13 तथा भारतीय एविडेंस एक्ट की धारा 65B के प्रावधानों के आधार पर वैध ठहराया गया है।

उपयोग में लचीलापन:  Cheque Bounce

इस फैसले के बाद, अब चेक बाउंस के मामलों में Notice भेजने का तरीका केवल हाथ से लिखे Notice तक सीमित नहीं रहेगा। डिजिटल Notice भेजने से प्रक्रिया में लचीलापन और तेज़ी आएगी।

उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय का दृष्टिकोण:  Cheque Bounce

उत्तर प्रदेश HC के मामले – राजेंद्र यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार – में भी जज अरुण कुमार सिंह देशवाल ने कहा कि नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 में Notice भेजने का तरीका तो बताया गया है, पर भेजने के साधन पर कोई नियम नहीं है। इसलिए, डिजिटल माध्यम से भेजे गए Notice को वैध माना जाएगा।

रिकॉर्ड का संपूर्ण ट्रैक: Cheque Bounce

उत्तर प्रदेश के न्यायालयों ने मैजिस्ट्रेट्स के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत यदि किसी प्रकार की शिकायत दर्ज की जाती है, तो संबंधित अधिकारी को पूरी जानकारी और रिकॉर्ड संजोकर रखना होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और धोखाधड़ी या गलतफहमी से बचा जा सकेगा।

इस फैसले से न्याय की प्रक्रिया में नई दिशा मिलेगी और चेक बाउंस के मामलों का समाधान तेजी से हो सकेगा। डिजिटल Notice की मान्यता से न केवल Notice भेजने का तरीका आसान होगा, बल्कि इससे कोर्ट में प्रस्तुत होने वाले सबूत भी मजबूत और विश्वसनीय माने जाएंगे।