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Chanakya Niti : भोले भाले लड़को को अपना शिकार बनाती है ये महिलाएं, जानिए चाणक्य नीति

नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन के कई विषयों पर चर्चा की है। चाणक्य नीति में स्त्री-पुरुष संबंध भी चर्चा की गई है।
 
Chanakya Niti : भोले भाले लड़को को अपना शिकार बनाती है ये महिलाएं, जानिए चाणक्य नीति

भारत ही नहीं, दुनिया भर में आचार्य चाणक्य को सबसे बड़ा विद्वान, अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और समाज शास्त्री माना जाता है। नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन के कई व्यावहारिक पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। चाणक् य नीति में महिलाओं और पुरुषों के चरित्र और गुणों-अवगुणों के बारे में भी बहुत कुछ कहा गया है।

आचार्य चाणक्य ने कहा कि महिलाएं कुछ गुणों में पुरुषों से कहीं आगे हैं। इस मामले में एक आदमी उन्हें कभी भी पराजित नहीं कर सकता। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने कहा कि मोहनी और मद पैदा करने वाली सुन्दर स्त्री अपने सच्चे प्रेमी को कभी नहीं चाहती। वह न सिर्फ उसे मूर्ख मानती है, बल्कि उसे घृणा करती है।

चाणक्य शास्त्र कहता है कि जो पुरुष चालें चलता है, झूठ बोलता है, धूर्त, दगाबाज और दुष्टता की खान होता है, तो मोहनी स्त्री उसे पाने के लिए उत्सुक रहती है। यही कारण है कि अगर कोई आदमी अच्छा बनकर किसी स्त्री को पाने की सोचता है तो वह बहुत मूर्ख है। मोहनी स्त्री किसी अच्छे व्यक्ति को मूर्ख समझती है और उसे कभी नहीं चाहती।

दूध पिलाने से सर्प का विषेलेपन खत्म नहीं होता।

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उदाहरण देकर आचार्य चाणक्य बताते हैं कि सर्प को दूध पिलाने से उसका विषेला स्वभाव खत्म नहीं होता, बल्कि और भी बढ़ जाता है। इसी तरह, मद और मोहन उत्पन्न करने वाली स्त्री अच्छे और सदगुणी पुरुषों के संपर्क में आने पर और भी बुरी और क्रूर हो जाती है। वह ऐसे आदमी को सांप की तरह जीवन भर डंसती रहती हैं। उस पर भी उसे दया नहीं आती।

मद और मोहनी पैदा करने वाली स्त्री हमेशा ऐसे पुरुष की तलाश में रहती है जो स्वभाव में दुष्ट, झूठ बोलता, चालें चलता, धूर्त हो और सिर्फ अपनी कामपिपासा मिटाना चाहता है।

स्त्रियां ऐसे नीच आदमी को पाने के लिए मोहनी और मद पैदा करती हैं, जो किसी की भी परवाह नहीं करती। वह भी अपने माता-पिता, पति और बच्चों को छोड़ने को तैयार हो जाती है। ऐसी स्त्रियां शास्त्र, दंड या मान-सम्मान से घबराती नहीं हैं। उसकी आत्महत्या की भी चिंता नहीं रहती।

चाणक्य ने कहा कि ऐसी स्त्रियों को पाने के लिए सच्चे, सभ्य और सदगुणों वाले व्यक्ति को अपना स्वभाव बदलना होगा। क्योंकि मद और मोहनी पैदा करने वाली स्त्रियों में स्वभाविक दोष होता है कि वे अपने और परायों में भेद कर सकती हैं। वह बिना सोचे-समझे काम करती है, जो उसके साथ अच्छा व्यवहार करने वालों को ही बर्बाद करती है।

यह नियम सभी महिलाओं पर लागू नहीं होता।
आचार्य चाणक्य की यह नीति प्रत्येक स्त्री पर लागू नहीं होती। चाणक्य की यह नीति केवल उन्हीं स्त्रियों पर लागू होती है जो मद और मोहनी उत्पन्न करती हैं। ऐसी स्त्रियां सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए पुरुषों को आकर्षित करती हैं।

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