logo

Chanakya Niti : शादी से पहले जरूर जान लें स्त्री की ये करतुते, वरना हो सकता है नाश

माना जाता है कि एक अच्छा जीवनसाथी जीवन को खुश कर सकता है। यदि आप भी अपने जीवनसाथी को चुनने की तैयारी में हैं, तो आचार्य चाणक्य ने कुछ बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।
 
Chanakya Niti : शादी से पहले जरूर जान लें स्त्री की ये करतुते, वरना हो सकता है नाश 
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

देश में लग्न का सीजन चल रहा है और शादियां बड़े पैमाने पर हो रही हैं। ऐसे में, अगर आप भी शादी करने वाले हैं या शादी करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। आचार्य चाणक्य ने कहा कि हर लड़का शादी से पहले लड़की के बारे में चार महत्वपूर्ण बातों को जानना चाहिए।

दरअसल, शादी करना हर किसी के लिए बहुत अलग होता है और हर कोई चाहता है कि उसके जीवन में एक ऐसा व्यक्ति आए जो उसे प्यार और देखभाल करे। माना जाता है कि एक अच्छा जीवनसाथी जीवन को खुश कर सकता है। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) का कहना है कि जीवनसाथी चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

शादी के बाद कई लोगों की जिंदगी खुशहाल होती है, लेकिन कई लोग शादी के बाद विवाद करने लगते हैं। कभी-कभी हम इंसान के आकर्षण के पीछे बाकी सब छोड़ देते हैं और उससे शादी कर लेते हैं। उस व्यक्ति के अंदरूनी भावों को भी हम समझ नहीं पाते। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने अपने नीति शास्त्र में एक ऐसा ही श्लोक बताया है जिसके अनुसार शादी या प्रेम करने से पहले अपने पार्टनर में कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्॥ 
विवाह न नीचस्य रूपशीलां: सदृशे कुले।
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के इस श्लोक में कहा गया है कि विवाह से पहले व्यक्ति को अपने गुणों की जगह अपने शरीर को देखना चाहिए।

Chanakya Niti : अपने पति से इन बातों की कभी न करें शर्म, वरना हो सकती है दिक्कत

चाणक्य सिद्धांत के अनुसार, पुरुषों को सुंदर स्त्री के पीछे भागना नहीं चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुणवान पत्नी परिवार को विपत्ति में भी संभाले रखती है।
आचार्य चाणक्य ने कहा कि एक स्त्री के मन में बाहरी सुंदरता से अधिक सुंदरता होनी चाहिए। उसमें धैर्य भी होना चाहिए।
चाणक्य नीति कहता है कि धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले लोगों को नियंत्रण है। इसलिए विवाह से पहले उन्हें अपनी धार्मिक आस्था का पता लगाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य का गुस्सा सबसे बड़ा दुश्मन है। चाणक्य कहता है कि गुस्से में रहने वाली स्त्री परिवार को सुखी नहीं रख सकती।