8th Pay Commission : सैलरी से ज्यादा पेंशन पर खर्च! 8वें वेतन आयोग की घोषणा पर क्या आएगा असर?
8th Pay Commission : केंद्र सरकार का खर्च अब सैलरी से ज्यादा पेंशन पर बढ़ रहा है, जिससे आठवें वेतन आयोग पर असर पड़ सकता है। बढ़ते वित्तीय बोझ को देखते हुए सरकार नए वेतन आयोग पर निर्णय लेने से पहले सभी आर्थिक पहलुओं का आकलन कर रही है। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और वेतन आयोग से जुड़े हैं, तो यह खबर आपके लिए अहम हो सकती है। नीचे जानिए पूरी डिटेल।
Feb 28, 2025, 17:48 IST
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Haryana update, 8th Pay Commission : बजट प्रोफाइल दस्तावेजों के अनुसार, 2023-24 से पेंशन पर खर्च अब सैलरी खर्च से अधिक हो चुका है। 2025-26 के केंद्रीय बजट में अनुमानित ₹1.66 लाख करोड़ सैलरी और ₹2.77 लाख करोड़ पेंशन पर खर्च होने की संभावना जताई गई है।
मुख्य बिंदु: 8th Pay Commission
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सैलरी बनाम पेंशन खर्च में बदलाव:
- पहले तक सैलरी खर्च पेंशन खर्च से अधिक होता था, लेकिन 2023-24 के बाद से यह प्रवृत्ति उलट गई है।
- 2022-23 और 2023-24 के बीच सैलरी खर्च में लगभग ₹1 लाख करोड़ की गिरावट आई है, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों की संख्या में भी कमी आई होगी।
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कुल खर्च में स्थिरता:
- 'वेतन' और 'पेंशन' दोनों ही स्थापना व्यय के अंतर्गत आते हैं। जबकि 2022-23 के बाद 'वेतन' खर्च में गिरावट आई है, 'अन्य' श्रेणी में आवंटन में वृद्धि के कारण कुल स्थापना व्यय लगातार बढ़ा है।
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भत्तों में आवंटन का बदलाव:
- अब 'महंगाई भत्ता', 'मकान किराया भत्ता' आदि को 2023-24 से 'भत्ते (यात्रा खर्च को छोड़कर)' में समाहित कर दिया गया है, जिससे 'वेतन' मद में कमी आई है।
- कुल व्यय में कोई कमी नहीं हुई है, बल्कि इसे श्रेणियों में पुनर्वर्गीकृत किया गया है।
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8वें वेतन आयोग का प्रभाव:
- 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा हुई है, जिसका प्रभाव संभवतः 2027 से देखने को मिलेगा।
- नया वेतन आयोग महंगाई भत्ता को मूल वेतन में समाहित करेगा, जिसके चलते महंगाई भत्ता हर साल मुद्रास्फीति के अनुरूप बढ़ेगा।
- जितना अधिक समय 8वें वेतन आयोग को लागू करने में लगेगा, उतना ही महंगाई भत्ता और अन्य भत्तों का अनुपात मूल वेतन की तुलना में बढ़ेगा, जिससे बजट में दर्ज 'वेतन' मद में अचानक वृद्धि देखने को मिलेगी।