logo

Bank Rules: अगर बैंक लॉकर से गायब हो जाए कीमती सामान, तो कौन होगा जिम्मेदार?

Bank Rules: अगर आपके बैंक लॉकर से कोई कीमती सामान गायब हो जाता है, तो क्या बैंक इसकी भरपाई करेगा? नए बैंकिंग नियमों के तहत बैंक की जिम्मेदारी तय की गई है, लेकिन इसमें कुछ शर्तें भी लागू होती हैं। ग्राहक को किन मामलों में मुआवजा मिलेगा और किन हालात में नहीं? जानिए बैंक लॉकर से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी और नए नियमों की पूरी डिटेल।
 
 
अगर बैंक लॉकर से गायब हो जाए कीमती सामान, तो कौन होगा जिम्मेदार?
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Haryana update, Bank Rules: बैंक अकाउंट का इस्तेमाल तो हम सभी करते हैं। आजकल हर बैंक अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की सुविधाएँ प्रदान करता है, जिसमें बैंक लॉकर की सुविधा भी शामिल है। बैंक लॉकर का उपयोग करने वाले कई लोग अक्सर यह सोचते हैं कि अगर लॉकर से सामान चोरी हो जाए या लॉकर में कोई खराबी आ जाए, तो बैंक किस हद तक मुआवजा देगा। आइए हम विस्तार से समझते हैं बैंक लॉकर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ और नियम।

1. बैंक लॉकर की चाबी खोने पर क्या करें? Bank Rules

  • तुरंत जानकारी दें: अगर आपकी बैंक लॉकर की  चाबी खो जाती है, तो तुरंत अपने बैंक को इसकी सूचना दें और पुलिस में केस दर्ज करवाएं।
  • डुप्लीकेट चाबी: बैंक आपको डुप्लीकेट चाबी प्रदान कर सकता है और आवश्यक स्थिति में दूसरा लॉकर भी अलॉट कर सकता है।
  • खर्च का ध्यान: इस प्रक्रिया में अगर लॉकर तोड़ने या मरम्मत की जरूरत पड़ती है, तो उसके खर्च का बोझ लॉकर होल्डर को उठाना पड़ सकता है।

2. लॉकर खोलने और तोड़ने के नियम Bank Rules

  • मौजूदगी जरूरी: लॉकर को खोलने या तोड़ने की प्रक्रिया हमेशा बैंक अधिकारी और लॉकर होल्डर की उपस्थिति में की जाती है।
  • जॉइंट लॉकर: यदि लॉकर संयुक्त (जॉइंट) है, तो उसमें शामिल सभी होल्डरों की उपस्थिति या उनकी लिखित सहमति जरूरी होती है।

3. बैंक द्वारा लॉकर तोड़ने की स्थिति Bank Rules

  • लॉकर रेंट का भुगतान: यदि कोई ग्राहक  लगातार 3 साल तक लॉकर का रेंट नहीं चुका पाता है, तो बैंक अपने अधिकार का उपयोग करते हुए लॉकर तोड़कर रेंट की रिकवरी कर सकता है।
  • बैंक विजिट में कमी: सात साल तक लॉकर होल्डर द्वारा बैंक का दौरा न करने पर, भले ही रेंट नियमित रूप से जमा हो रहा हो, बैंक लॉकर तोड़ सकता है।
  • कानूनी कार्रवाई: यदि लॉकर होल्डर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो या लॉकर में संदिग्ध वस्तुएं पाई जाएं, तो भी होल्डर की अनुपस्थिति में लॉकर तोड़ा जा सकता है।
  • पुलिस की उपस्थिति: ऐसी स्थितियों में बैंक और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होती है।

4. बैंक लॉकर का इंश्योरेंस Bank Rules

  • बीमा सुविधा: बैंक अनहोनी की घटनाओं को देखते हुए लॉकर का इंश्योरेंस करवाते हैं।
  • भरपाई के लिए सबूत: अगर लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है, तो भरपाई पाने के लिए होल्डर को उस सामान का सबूत और बैंक की लापरवाही साबित करनी पड़ती है।
  • हर्जाना: इन सबूतों के आधार पर ही बैंक द्वारा इंश्योरेंस राशि के रूप में हर्जाना दिया जाता है।

5. चोरी या डकैती होने पर बैंक की जिम्मेदारी Bank Rules

  • ग्राहक से संपर्क: चोरी या डकैती की स्थिति में, बैंक स्वयं ग्राहकों से संपर्क करता है और एक फॉर्म व शपथ पत्र प्रदान करता है।
  • सामान का विवरण: ग्राहकों को अपने लॉकर में रखे सामान का पूरा विवरण भरना होता है, जिसके बाद बैंक जांच करके मुआवजा देता है।
  • सर्विस चार्ज का 100 गुना: बैंक ग्राहक द्वारा दिए गए सर्विस चार्ज के आधार पर मुआवजा निर्धारित करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने ₹10,000 सर्विस चार्ज दिया है, तो बैंक ₹10 लाख तक का मुआवजा दे सकता है।

6. आग लगने पर क्या होगा? Bank Rules

  • बैंक की लापरवाही: यदि बैंक में आग लग जाती है और आपके लॉकर में रखे सामान को नुकसान होता है, तो इसे बैंक की लापरवाही माना जाता है।
  • मुआवजा: ऐसे मामलों में भी बैंक सर्विस चार्ज के 100 गुना मुआवजा प्रदान करता है।

7. क्लेम करने की प्रक्रिया (RBI के नियम) Bank Rules

  • साक्ष्य प्रस्तुत करें: अगर लॉकर से सामान चोरी हो जाए और आरोपी पकड़ा जाए, तो होल्डर को अपनी वस्तुओं की बरामदगी का सबूत बैंक के सामने प्रस्तुत करना होगा।

  • संबंधित कागजात: उदाहरण स्वरूप, अगर आप दावा करते हैं कि बरामद जूलरी आपकी है, तो उसके साथ जुड़ी रसीद, प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के कागजात, हाउस टैक्स या बिजली का बिल भी देना होगा।
  • पूर्व क्लेम उदाहरण: ऐसे ही एक क्लेम का मामला दो वर्ष पूर्व कानपुर के एक बड़े सरकारी बैंक में दर्ज हुआ था।

8. बैंक की जिम्मेदारी पर सीमाएँ Bank Rules

  • वार्षिक किराए का 100%: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के मीडिया प्रभारी अनिल तिवारी के अनुसार, अगर लॉकर से चोरी, टूटना, दुर्घटना या आपराधिक कृत्य की स्थिति हो, तो बैंक केवल लॉकर के वार्षिक किराए का 100% ही मुआवजा दे सकता है।
  • व्यक्तिगत सामान: लॉकर के अंदर रखे व्यक्तिगत सामान जैसे जेवरात या कागजात का बैंक से कोई लेना-देना नहीं होता। यह ग्राहक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होती है।

9. ध्यान रखने योग्य बातें Bank Rules

  • लॉकर की स्थिति: लॉकर लेते समय यह सुनिश्चित करें कि उस पर सील लगी हो और ताला नया हो।
  • सूची बनाए रखें: अपने लॉकर में रखी सभी वस्तुओं की सूची तैयार रखें और समय-समय पर उसे अपडेट करें।
  • मूल्यवान वस्तुओं की रसीद: लॉकर में रखी कीमती वस्तुओं की रसीद अपने पास सुरक्षित रखें।
  • सुरक्षित प्रयोग: लॉकर का उपयोग करते समय ध्यान दें कि बैंककर्मी के लॉकर रूम से बाहर निकलने के बाद ही लॉकर खोलें, और बंद करने के बाद इसे चेक करें।
  • नियमित उपयोग: लॉकर का नियमित अंतराल पर प्रयोग करते रहें और बैंक द्वारा जारी किसी भी नोटिस को नजरअंदाज न करें।

इस प्रकार, बैंक लॉकर का सही और सुरक्षित उपयोग करने के लिए उपरोक्त नियमों और सावधानियों का पालन करना आवश्यक है। यदि किसी भी प्रकार की समस्या होती है, तो समय रहते बैंक और संबंधित अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।