logo

Central Govt Employees: HRA को लेकर आया नया अपडेट, जानें क्या बदल सकता है

Central Govt Employees: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 8वें वेतन आयोग के आने से न सिर्फ सैलरी बढ़ेगी, बल्कि HRA, फिटमेंट फैक्टर और DA में भी बदलाव संभव है। HRA की दरों में भी बढ़ोतरी की पूरी उम्मीद जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों को सीधा लाभ होगा। नीचे जानें पूरी डिटेल।
 
Central Govt Employees: HRA को लेकर आया नया अपडेट, जानें क्या बदल सकता है
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Haryana update, Central Govt Employees: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा अब तेज हो गई है और इसके लागू होते ही सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। इस आयोग के लागू होने से न सिर्फ बेसिक पे स्ट्रक्चर बदलेगा, बल्कि महंगाई भत्ता (DA), फिटमेंट फैक्टर और सबसे अहम हाउस रेंट अलाउंस यानी HRA की दरों में भी बड़ा बदलाव होगा।

HRA में बदलाव की पूरी उम्मीद
हर वेतन आयोग लागू होने के बाद सरकार HRA की दरों को रिवाइज करती रही है। 6वें वेतन आयोग में X, Y और Z शहरों के लिए HRA की दरें क्रमश: 30%, 20% और 10% थीं। 7वें वेतन आयोग में इन्हें घटाकर 24%, 16% और 8% कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही DA 50% के आंकड़े को छूता है, HRA की दरें फिर से बढ़ा दी जाती हैं। इसी तरह की प्रक्रिया 8वें वेतन आयोग में भी देखने को मिल सकती है।

HRA दरें कैसे तय होती हैं?
HRA की दरें सीधे तौर पर DA और बेसिक पे से जुड़ी होती हैं। जब DA 25% या 50% के स्तर पर पहुंचता है तो HRA में भी बदलाव होता है। इसलिए जैसे ही 8वां वेतन आयोग लागू होगा, सरकार मौजूदा बेसिक पे और DA के आधार पर HRA को नए सिरे से तय करेगी। इसका असर कर्मचारियों के HRA अमाउंट पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा।

फिटमेंट फैक्टर का असर HRA पर भी
खबरों की मानें तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 1.92 किया जा सकता है। इसका सीधा मतलब है कि कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी को 1.92 से गुणा कर नई सैलरी तय की जाएगी। अगर किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹30,000 है तो वह बढ़कर ₹57,600 हो सकती है। जब बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो उस पर मिलने वाला HRA अमाउंट भी बढ़ेगा।

क्यों बढ़ती हैं HRA की दरें?
HRA दरों को बढ़ाने के पीछे कई ठोस कारण होते हैं —

  1. महंगाई में इजाफा: बढ़ती महंगाई और मकान किराए की दरों को देखते हुए HRA में बढ़ोतरी की जाती है।

  2. बेसिक पे स्ट्रक्चर में बदलाव: नए वेतन आयोग के लागू होते ही सैलरी का ढांचा बदलता है, जिससे पुराने HRA रेट नए बेस पर फिट नहीं बैठते।

  3. शहरों की श्रेणी का अपडेट: सरकार समय-समय पर X, Y, Z कैटेगरी वाले शहरों की लिस्ट को रिवाइज करती है। जैसे ही किसी शहर की कैटेगरी बदली, वहां का HRA भी उसी हिसाब से बदल जाता है।

क्या वाकई बदलेगी HRA की दर?
जानकारों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर HRA की दरों में बदलाव तय है। मौजूदा दरें 30%, 20% और 10% हैं, लेकिन इन्हें फिर से रिवाइज किया जा सकता है। साथ ही DA की 25% और 50% की सीमा को पार करने पर इन दरों में फिर बदलाव किया जाएगा।

इससे कर्मचारियों को सीधे तौर पर आर्थिक फायदा होगा, क्योंकि सैलरी का बड़ा हिस्सा HRA होता है और इसमें बढ़ोतरी से उनके हाथ में आने वाली रकम बढ़ेगी। ऐसे में 8वें वेतन आयोग का इंतजार करने वाले कर्मचारियों के लिए यह खबर राहत देने वाली है।