8th Pay Commission: कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में कितना इजाफा? देखें पूरी डिटेल!

फिटमेंट फैक्टर का आधार
हर वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन का निर्धारण मुख्य रूप से फिटमेंट फैक्टर के आधार पर किया जाता है। यह फैक्टर महंगाई, आर्थिक परिस्थितियों और कर्मचारियों की आवश्यकताओं के अनुसार तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी को 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर निर्धारित किया गया था। वहीं, 8वें वेतन आयोग में इस फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 के हिसाब से लागू करने का अनुमान है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर 2.86 तक निर्धारित किया जा सकता है। इस परिवर्तन से न केवल मौजूदा बेसिक सैलरी में बल्कि पेंशन में भी बड़ा उछाल आने की संभावना जताई जा रही है।
न्यूनतम वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यदि 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 के हिसाब से सैलरी में वृद्धि की जाती है, तो मौजूदा न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर लगभग 51,480 रुपये प्रति माह हो सकती है। इसी प्रकार, न्यूनतम पेंशन भी 9,000 रुपये से बढ़कर लगभग 25,740 रुपये प्रति माह तक जा सकती है। यह वृद्धि कर्मचारियों के लिए एक बड़ा आर्थिक सहारा बनेगी, जिससे उन्हें महंगाई के प्रभाव से राहत मिलेगी और बेहतर जीवन यापन संभव होगा।
वेतन आयोग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारतीय प्रशासन में वेतन आयोग की शुरुआत आजादी के तुरंत बाद हुई थी, ताकि सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के दबाव से राहत दी जा सके और उनके आर्थिक स्तर को बेहतर बनाया जा सके। हर दस साल में नए वेतन आयोग का गठन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा है।
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7वां वेतन आयोग (2014-2016):
- न्यूनतम वेतन: 18,000 रुपये प्रति माह
- अधिकतम वेतन: 2,50,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग में वेतन मैट्रिक्स की शुरुआत की गई और पुराने ग्रेड पे सिस्टम को समाप्त किया गया।
- इसके अंतर्गत 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनधारियों को लाभ मिला।
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6वां वेतन आयोग (2006-2008):
- न्यूनतम वेतन: 7,000 रुपये प्रति माह
- अधिकतम वेतन: 80,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग में पे बैंड्स और ग्रेड पे प्रणाली की शुरुआत हुई।
- लगभग 60 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ प्राप्त हुआ।
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5वां वेतन आयोग (1994-1997):
- न्यूनतम वेतन: 2,550 रुपये प्रति माह
- अधिकतम वेतन: 26,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग के दौरान विभिन्न वेतन संरचनाओं का संकलन किया गया और करीब 40 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ।
8वें वेतन आयोग से उम्मीदें
जैसे ही 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होगा, अगले वित्त वर्ष के शुरू होते ही 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने की संभावना है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी, जिससे वे महंगाई के प्रभाव से काफी राहत महसूस करेंगे। फिटमेंट फैक्टर में संभावित वृद्धि के साथ, नए आयोग में कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
केंद्र सरकार का यह कदम न केवल कर्मचारियों की मेहनत का सही फल देने के उद्देश्य से उठाया गया है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी कर्मचारियों को बदलते आर्थिक परिवेश में एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य प्रदान किया जा सके। नए वेतन आयोग से प्राप्त होने वाली इस बढ़ोतरी के जरिए सरकारी कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधरेगा और उन्हें बेहतर वित्तीय सहारा मिलेगा।