8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कब होगा बड़ा बदलाव? जानिए पूरी डिटेल

8वें वेतन आयोग की मांग क्यों हो रही है?
केंद्रीय कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि मौजूदा समय में महंगाई लगातार बढ़ रही है लेकिन उनके वेतन में लंबे समय से कोई बड़ा संशोधन नहीं हुआ है। 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था और अब 8 साल हो चुके हैं। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद है कि 2026 से पहले ही 8वां वेतन आयोग लागू किया जाएगा या फिर सरकार इसके विकल्प पर विचार कर सकती है।
सरकार की क्या है योजना?
हाल ही में वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि सरकार फिलहाल नए वेतन आयोग के गठन पर विचार नहीं कर रही है, लेकिन एक नई प्रणाली पर काम जरूर हो रहा है। इसमें हर साल प्रदर्शन आधारित वेतन वृद्धि की योजना बनाई जा रही है। हालांकि, कर्मचारी संगठन अभी भी 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणा की मांग पर अड़े हुए हैं।
कितनी बढ़ सकती है सैलरी?
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है तो यह अनुमान लगाया जा रहा है कि न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹26,000 हो सकती है। इसके अलावा फिटमेंट फैक्टर को भी बढ़ाकर 3.68 किए जाने की संभावना है। इससे कर्मचारियों के बेसिक पे में लगभग 8,000 से 10,000 रुपये का इज़ाफा हो सकता है।
DA हाइक का भी असर पड़ेगा
हर छह महीने में डीए (महंगाई भत्ता) बढ़ाया जाता है और यह भी सैलरी में सीधा असर डालता है। मार्च 2025 में डीए को 50% तक पहुंचाने की संभावना है और इसके बाद बेसिक पे का पुनः गणना की जा सकती है। यदि 8वां वेतन आयोग इसी समय के आसपास लागू होता है तो यह कर्मचारियों के लिए डबल फायदा साबित हो सकता है।
कब तक हो सकती है घोषणा?
सूत्रों के अनुसार, 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में सरकार कोई बड़ा ऐलान कर सकती है। खासकर 2026 से पहले लोकसभा चुनाव होने की स्थिति में यह मुद्दा काफी राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण हो सकता है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि 2025 के आखिरी क्वार्टर में सरकार 8वें वेतन आयोग या उससे जुड़ी नई नीति का एलान कर सकती है।
किन कर्मचारियों को होगा फायदा?
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सभी केंद्रीय कर्मचारी
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सशस्त्र बलों के जवान
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पेंशनर्स
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रेलवे कर्मचारी
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शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी
8वें वेतन आयोग को लेकर भले ही सरकार की ओर से कोई औपचारिक घोषणा न हुई हो, लेकिन इसके संकेत मिल रहे हैं कि जल्द कोई बड़ी खबर सामने आ सकती है। केंद्रीय कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपने संगठन के माध्यम से अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाते रहें ताकि वेतन में संशोधन का रास्ता जल्दी खुले।