8th Pay Commission: बंपर सैलरी हाइक के साथ खत्म होंगे ये भत्ते, जानें पूरा अपडेट!

7वें वेतन आयोग की समीक्षा और भत्तों में बदलाव 8th Pay Commission
7वें वेतन आयोग में, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए 2.57 के फिटमेंट फैक्टर का प्रयोग किया गया था। इससे न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये और अधिकतम सैलरी 2,25,000 रुपये तय की गई थी। इसके साथ ही, सेवानिवृत्त कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये और अधिकतम पेंशन 1,25,000 रुपये निर्धारित की गई थी।
7वें आयोग में कुल 196 भत्तों की समीक्षा की गई थी, जिसमें से 101 भत्तों को हटा दिया गया या अन्य भत्तों में मिला दिया गया। उदाहरण के तौर पर, एक्सीडेंट अलाउंस को समाप्त कर एक्टिंग अलाउंस को एडिशनल पोस्ट अलाउंस में शामिल कर दिया गया, जबकि एयर डिस्पैच पे, कोल पायलट अलाउंस, परिवार नियोजन भत्ता, ओवरटाइम भत्ता (OTA), साइकल भत्ता, क्लोदिंग अलाउंस, ड्रेस अलाउंस और विशेष वैज्ञानिक वेतन जैसे भत्तों में भी संशोधन किए गए।
8वें वेतन आयोग में संभावित बदलाव 8th Pay Commission
नया 8वां वेतन आयोग, जिसकी अंतिम रूपरेखा अप्रैल 2025 तक तैयार हो सकती है और जिसके लागू होने की संभावना 2026 तक जताई जा रही है, में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
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फिटमेंट फैक्टर:
अनुमान है कि 8वें आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी बढ़कर 26,000 रुपये तक पहुंच सकती है। इससे पहले की सैलरी बढ़ोतरी की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है। -
भत्तों में संशोधन:
नए आयोग में पुराने भत्तों की समीक्षा की जाएगी। संभव है कि कुछ भत्ते हटा दिए जाएं या उनकी जगह नई जरूरतों के अनुसार भत्ते जोड़े जाएं। कर्मचारियों के बदलते आर्थिक और जीवन स्तर को देखते हुए भत्तों में भी बदलाव होने की संभावना है। -
महंगाई भत्ता (DA):
महंगाई भत्ता हर छह महीने में बढ़ाया जाता है। 8वें आयोग में पेंशन की गणना और महंगाई भत्ते के प्रावधानों में भी सुधार किया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को बेहतर लाभ मिल सके।
किस तरह से लागू होगा नया वेतन आयोग? 8th Pay Commission
नए वेतन आयोग के गठन के बाद, केंद्र सरकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन करेगी। विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के बाद, आयोग सरकार को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। सरकार की मंजूरी के पश्चात ही इन नियमों को लागू किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को इस नए ढांचे में काफी लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।