8वें वेतन आयोग में आपकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है? जानें विस्तार से

Haryana update : केंद्रीय सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जो जनवरी 2026 से लागू होगा। यह वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और यूनियनों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद अस्तित्व में आया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी को इसकी घोषणा की, और अब यह स्पष्ट हो गया है कि इस वेतन आयोग से कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त बढ़ोतरी हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर: क्या है और इसका सैलरी पर क्या असर पड़ेगा?
8वें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारी 2.56 से लेकर 2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की उम्मीद कर रहे हैं। यदि सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर की सिफारिशों को स्वीकार करती है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक है, जो मौजूदा सैलरी को बढ़ाने के लिए लागू किया जाता है। यह वेतन आयोग की सिफारिशों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन की बढ़ोतरी में सीधा असर डालता है।
सैलरी कैलकुलेशन: कैसे बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी?
आइए, 8वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी का कैलकुलेशन समझते हैं।
लेवल 1 कर्मचारी की सैलरी
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वर्तमान (7वें वेतन आयोग के तहत): ₹18,000
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फिटमेंट फैक्टर 2.86 के हिसाब से:
₹18,000 × 2.86 = ₹51,480 प्रति माह
इसका मतलब है कि लेवल 1 के कर्मचारियों की सैलरी में लगभग ₹33,480 की बढ़ोतरी होगी।
लेवल 2 कर्मचारी की सैलरी
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वर्तमान (7वें वेतन आयोग के तहत): ₹19,900
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फिटमेंट फैक्टर 2.86 के हिसाब से:
₹19,900 × 2.86 = ₹56,914 प्रति माह
इसका मतलब है कि लेवल 2 के कर्मचारियों की सैलरी में लगभग ₹37,014 की बढ़ोतरी होगी।
सभी लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि
8वें वेतन आयोग के तहत अगर 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो सभी वेतन स्तरों (पे लेवल) पर कर्मचारियों की सैलरी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, केंद्रीय कर्मचारियों के अलावा रिटायर कर्मचारियों की पेंशन में भी इसी फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ोतरी होगी।
इस वेतन आयोग से कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार होने के साथ-साथ, उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी, जो देश की कुल आर्थिक गतिविधियों को गति देने में मदद करेगा।
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है, खासकर अगर 2.86 फिटमेंट फैक्टर को लागू किया जाता है। इससे न केवल कर्मचारियों की सैलरी में वृद्धि होगी, बल्कि इसका सकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल सकता है।