8th Pay Commission: फाइनल! Fitment Factor में होगी बढ़ोतरी, ऐसे करें सैलरी चेक

8वें वेतन आयोग की संभावित टाइमलाइन 8th Pay Commission
- फरवरी 2025:
संभावना है कि सरकार 15 फरवरी 2025 तक 8वें वेतन आयोग का आधिकारिक गठन कर लेगी। - नवंबर 2025:
8वां वेतन आयोग अपनी रिपोर्ट अंतिम रूप दे सकता है और उसे सरकार को सौंप सकता है। - दिसंबर 2025:
सरकार आयोग की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और आगे की प्रक्रिया पर विचार करेगी। - जनवरी 2026:
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जा सकता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को नए वेतनमान का लाभ मिलने लगेगा।
पिछले वेतन आयोगों की तुलना में वृद्धि 8th Pay Commission
अब तक के वेतन आयोगों ने जिन अनुशंसित वेतन वृद्धि की दरें बताई हैं, उनका सारांश निम्नानुसार है:
वेतन आयोग | अनुशंसित वेतन वृद्धि (%) |
---|---|
2nd CPC | 14.20% |
3rd CPC | 20.60% |
4th CPC | 27.60% |
5th CPC | 31.00% |
6th CPC | 54.00% |
7th CPC | 14.27% |
औसत वृद्धि | 27% |
पिछले आयोगों में औसतन 27% की वृद्धि हुई है, लेकिन 7वें वेतन आयोग में केवल 14.27% की वृद्धि से कर्मचारियों में निराशा की लहर देखी गई थी। इसीलिए अब यह बेहद महत्वपूर्ण है कि 8वें वेतन आयोग में सरकार कितनी वृद्धि की सिफारिश करती है।
फिटमेंट फैक्टर और संभावित वेतन वृद्धि
फिटमेंट फैक्टर वह महत्वपूर्ण मानदंड है, जिसके आधार पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम बेसिक सैलरी को ₹18,000 तक पहुंचाया।
अब 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के लिए विभिन्न विकल्प सामने हैं – 1.90, 2.08 या 2.86। विशेषज्ञों की संभावनाओं के अनुसार:
-
बहुत आशावादी (Very Optimistic):
अनुमानित DA 62% – संभावित वेतन वृद्धि 24% -
सामान्य अपेक्षा (Normal Expectation):
अनुमानित DA 61% – संभावित वेतन वृद्धि 18% -
बहुत निराशावादी (Very Pessimistic):
अनुमानित DA 60% – संभावित वेतन वृद्धि 12%
संभावना है कि सरकार 18% से 24% के बीच वेतन वृद्धि की सिफारिश कर सकती है। यदि 24% वृद्धि होती है, तो फिटमेंट फैक्टर ज्यादा रहकर कर्मचारियों की सैलरी में शानदार उछाल आएगा; जबकि 12% की वृद्धि से उम्मीदें थोड़ी कम हो सकती हैं।
महंगाई भत्ता (DA) में बदलाव 8th Pay Commission
मौजूदा महंगाई भत्ता, जो कि केंद्रीय कर्मचारियों को 7वीं पे कमीशन के तहत 53% पर मिलता है, में आगामी संशोधन के बाद 1 जनवरी 2026 तक इसे 60% से 62% तक पहुंचाने की संभावना जताई जा रही है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर कर्मचारियों की कुल सैलरी और पेंशन पर पड़ेगा। नई सिफारिशों के लागू होते ही कर्मचारियों को महंगाई के बढ़ते दबाव से राहत मिलेगी और उनकी क्रय शक्ति में सुधार होगा।