7th Pay Commission: महंगाई भत्ता 56% होने की तैयारी, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी!

महंगाई भत्ता क्या होता है?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाने वाला वह अतिरिक्त भत्ता है, जो मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रभाव को संतुलित करने के लिए होता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महंगाई बढ़ने से कर्मचारियों की वास्तविक आय और उनके खर्च करने की क्षमता प्रभावित न हो। इस भत्ते की गणना All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AICPIN) के आंकड़ों के आधार पर की जाती है, और इसे हर छह महीने में एक बार रिवाइज किया जाता है।
DA में वृद्धि की उम्मीद और गणना
जून 2024 से नवंबर 2024 तक के AICPIN आंकड़ों के अनुसार, महंगाई दर में लगातार वृद्धि हो रही है। उदाहरण स्वरूप, जून 2024 में AICPIN का आंकड़ा 141.4 था, जिससे 53% DA का ऐलान हुआ। उसके बाद जुलाई 2024 में 142.7, अगस्त में 142.6, सितंबर में 143.3, और अक्टूबर व नवंबर 2024 में 144.5 के आंकड़े दर्ज किए गए। इन आंकड़ों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जनवरी 2025 से DA में लगभग 3% की बढ़ोतरी होगी, जिससे DA 53% से बढ़कर 56% तक जा सकता है।
सैलरी पर पड़ने वाला सीधा असर
महंगाई भत्ते में वृद्धि का सीधा असर कर्मचारियों की कुल सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर:
- यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 है, तो वर्तमान DA (53%) के अनुसार उसे ₹9,540 मिलता है। नए DA (56%) के हिसाब से यह राशि बढ़कर ₹10,080 हो जाएगी, जिससे प्रति माह ₹540 का इजाफा होगा।
- इसी प्रकार, अगर बेसिक सैलरी ₹31,550 है, तो वर्तमान DA के तहत ₹16,721.50 मिलता है, जबकि नए DA के साथ यह बढ़कर ₹17,668 हो जाएगा, अर्थात् प्रति माह ₹946.50 का इजाफा।
- अधिकतम सैलरी ₹44,900 होने पर वर्तमान DA ₹23,797 है, जिसे बढ़ाकर नए DA के हिसाब से ₹25,144 किया जाएगा, जिससे ₹1,347 प्रति माह का लाभ होगा।
इन आंकड़ों का सीधा मतलब है कि अगर सरकार जनवरी 2025 से महंगाई भत्ता 56% तक बढ़ाने का फैसला करती है, तो कर्मचारियों और पेंशनधारकों को उनके मासिक वेतन और पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
महंगाई भत्ता में संशोधन की प्रक्रिया
सरकार हर साल जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते की समीक्षा करती है। यह संशोधन देश में महंगाई दर, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर किया जाता है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को इन संशोधनों के तहत उनके खर्चों में सहूलियत देने का प्रयास किया जाता है। आगामी संशोधन का निर्णय मार्च 2025 तक कैबिनेट की बैठक में लिया जा सकता है, जिसके बाद नई DA दर 2025 से प्रभावी हो जाएगी।
पेंशनधारकों पर भी इसका असर
महंगाई भत्ते में वृद्धि का असर केवल केंद्रीय कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पेंशनधारकों की मासिक पेंशन में भी यह वृद्धि सीधे दिखाई देगी। जैसा कि उदाहरण में देखा गया है, यदि किसी पेंशनधारक को वर्तमान में 7th Pay Commission के तहत ₹9,000 का न्यूनतम DA मिलता है, तो 56% DA लागू होने पर उसकी पेंशन में भी इजाफा हो सकता है। इससे पेंशनधारकों को महंगाई के प्रभाव से बचने में काफी मदद मिलेगी और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।