UP News: ऑनलाइन प्रैक्टिकल एग्जाम को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में होगी नियुक्ति, जानें........
UP News: लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे अब शिक्षकों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन नियुक्ति मिलेगी। इसका अर्थ है कि शिक्षकों को आने वाले विषम सेमेस्टर से परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विश्वविद्यालय की प्रशंसा बढ़ेगी और शिक्षकों को अधिक सुविधा मिलेगी, यह नई पहल का एक भाग है।
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UP News: लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे अब शिक्षकों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन नियुक्ति मिलेगी। इसका अर्थ है कि शिक्षकों को आने वाले विषम सेमेस्टर से परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। विश्वविद्यालय की प्रशंसा बढ़ेगी और शिक्षकों को अधिक सुविधा मिलेगी, यह नई पहल का एक भाग है।
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लखनऊ विश्वविद्यालय ने शिक्षकों को ऑनलाइन परीक्षा ड्यूटी के लिए एक नई सुविधा देने का फैसला किया है। अब शिक्षक अपनी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जिससे परीक्षा का आयोजन अधिक सुचारित होगा और उन्हें अधिक सुविधा मिलेगी।
विश्वविद्यालय ने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया है, जहां शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी के लिए आवश्यक आवेदन करना होगा और प्रैक्टिकल परीक्षाओं का समय सारणी देखना होगा। इस पोर्टल के माध्यम से, शिक्षक अपनी योग्यताओं और प्राथमिकताओं के आधार पर परीक्षा ड्यूटी के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपनी पसंद के हिस्से में परीक्षा ले सकते हैं।
शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ
इस नई पहल से शिक्षकों को कई लाभ मिलेंगे। उन्हें पहले अपनी योग्यता और आवश्यकताओं के अनुसार परीक्षा ड्यूटी के लिए अपना पसंदीदा कॉलेज चुनना होगा। इससे उन्हें अपने निजी जीवन को भी संतुलित करने का अवसर मिलेगा।
दूसरे, यह नई प्रक्रिया परीक्षा ड्यूटी की व्यवस्था को आसान बना देगा। अब ऑनलाइन प्रक्रिया आसानी से काम करेगी, इसलिए परीक्षा विभाग को शिक्षकों के साथ ज्यादा समय बिताने की जरूरत नहीं होगी।
शिक्षकों का अपमान रोका जाएगा
ज्यादातर शिक्षक पिछले सत्र में प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों में जा रहे थे, जो काफी समस्याओं का कारण बन गया था। यह अनियमितता का कारण बन गया क्योंकि इससे दूसरे स्कूलों के विद्यार्थियों को बहुत समस्या हुई।
नए स्नातक अध्यादेश ने इस समस्या को हल किया है, जिसमें एक शिक्षक अब अधिकतम पांच कॉलेजों में ही परीक्षक बन सकेगा। इससे समय सारणी को प्राथमिकता मिलेगी और शिक्षकों को मनमानी से बचाया जाएगा।
भूगोल विभाग की अध्ययन परिषद को भंग करने से यह सुविधा अधियापकों के लिए बेहतर होगी और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यह प्राध्यापकों को नए और बेहतर अवसर देगा, जबकि छात्रों को भी फायदा होगा क्योंकि उन्हें योग्य और सही परीक्षा ड्यूटी देने का मौका मिलेगा।
इसके अलावा, चर्चा है कि भूगोल विभाग की अध्ययन परिषद को हटाया गया है। इसका अर्थ है कि एक बार फिर से नए सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है, जो नई परिषद को बनाएंगे। इससे विश्वविद्यालय की शैक्षिक प्रणाली को और भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और अध्ययन परिषद की कार्य प्रणाली में सुधार होगा।
नए स्नातक अध्यादेश में परिवर्तन: नए स्नातक अध्यादेश में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं, जो शिक्षकों के लिए बहुत अच्छा है। यह सीमित कॉलेजों में ही शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी देने का प्रावधान करता है, जिससे अवैध प्रैक्टिकल परीक्षाओं को रोका जा सकेगा।
इससे शिक्षकों को नियमों के अनुसार काम करने की आदत होगी और छात्रों को भी समान अवसर मिलेंगे।