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Toll Tax Rates: हरियाणा में अगले महीने से महंगा हो जाएगा टोल टैक्स, जानें कितनी बढ़ेंगी दरें

Haryana Toll Tax Rates: वाहनों को रजिस्ट्रेशन करते समय भारी रोड टैक्स अलग से वसूला जाता है। इसके बावजूद, हरियाणा में सभी सरकारी सड़कों को टोल कंपनियों के लूट के स्थानों में बदल दिया गया है।

 
Toll Tax Rates

Haryana Update: आपको बता दें, की कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में सभी टोल रोड पर टोल टैक्स की वृद्धि, बढ़ती महंगाई और दैनिक पेट्रोल-डीजल टैक्स की लूट के कारण आम जनता को एक और झटका लगेगा। इससे अप्रैल से हरियाणा में सफर करना और भी महंगा हो जाएगा। 

राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने एक अप्रैल से देश भर में टोल दरों की वृद्धि को सरकारी लूट और जनता का विश्वासघात बताते हुए सरकार से टोल दरों को वापस लेने और जनता को तत्काल राहत देने की मांग की है।

उन्हें बताया गया कि भाजपा की नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने एक अप्रैल, 2024 से टोल दरों में 5 से 25 रुपये की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है. इसमें विभिन्न हाईवे, एक्सप्रेस-वे, केएमपी, नारनौल-चंडीगढ़ एक्सप्रेस-वे, खेड़की दौला टोल प्लाजा, दिल्ली-पटियाला राजमार्ग पर खटकड़ टोल प्लाजा, जींद-गोहाना-सोनीपत राज

उनका कहना था कि सैनीमाजरा टोल प्लाजा, घरौंडा टोल प्लाजा, घग्गर टोल प्लाजा, मकड़ौली टोल प्लाजा, डीघल टोल प्लाजा, सोनीपत में झरोठी टोल प्लाजा और नारनौल में सिरोही टोल प्लाजा पर व्यक्तिगत वाहनों के लिए ₹5-10 की वृद्धि की गई है।

रणदीप ने बताया कि पहले 5 से 7 साल में टोल दरें एक बार बढ़ा दी जाती थीं, लेकिन मोदी की लुटेरी सरकार और हरियाणा की जनविरोधी भाजपा सरकार हर साल एक्सप्रेस-वे और स्टेट हाईवे की टोल दरें बढ़ाकर लोगों को लुटने में लगी है। एक अप्रैल से हर वाहन को टोल दरों के नाम पर एक फेरे में 5 से 25 रूपये अधिक टोल देना होगा। साथ ही, टोल दरें बढ़ने से बसों का किराया पांच से दस प्रतिशत तक बढ़ जाएगा, जो पहले से ही महंगाई से जूझ रही आम जनता पर भारी बोझ बनेगा। 

भाजपा सरकार द्वारा टोल दरों में की गई इस बढ़ोतरी से बस, ट्रक और कैंटर का भाड़ा भी बढ़ जाएगा।

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का हर जिला राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग से जुड़ा है। प्रदेश में हर वाहन को किसी ना किसी टोल प्लाजा को पार करना पड़ता है। ऊपर से बताया गया है कि हरियाणा में सभी टोल दरें पहले से ही बहुत ऊँची हैं। नतीजतन, राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होने वाले टोल रेट सीधे-सीधे निजी वाहनों, बस यात्राओं और आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों पर प्रभाव डालते हैं. इसके अलावा, माल-ढुलाई के सभी वाहन भी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते हैं। 

रणदीप ने कहा कि मोदी की भाजपा सरकार पिछले पौने दस साल से डीजल और पेट्रोल के नाम पर लोगों को ठग रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 36% की गिरावट हालांकि डीजल और पेट्रोल के भाव को कम नहीं कर रही है। नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जनता पर भारी टैक्स लगाया जा रहा है। भाजपा की केंद्रीय और राज्य सरकारें पेट्रोल पर लगभग 33 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लगभग 27 रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूलती हैं। वाहनों को रजिस्ट्रेशन करते समय भारी रोड टैक्स अलग से वसूला जाता है। इसके बावजूद, हरियाणा में सभी सरकारी सड़कों को टोल कंपनियों के लूट के स्थानों में बदल दिया गया है। हरियाणा में प्रत्येक राष्ट्रीय राजमार्ग पर औसतन ₹3.50 से ₹4.00 प्रति किलोमीटर टोल वसूला जाता है, जो वाहन के ईंधन की लागत से भी अधिक महंगा है. हालांकि, भाजपा सरकार टोल दरों को लगातार बढ़ाती जा रही है, जो इस लूट से भी संतुष्ट नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई हर दिन बढ़ती जा रही है। शानदार दिनों का नारा देने वाली सरकार में सब कुछ महंगा हो गया है और हर चीज महंगी हो गई है। रोजमर्रा की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और फलों और सब्जियों के मूल्यों में भारी वृद्धि हुई है, जिससे आम जनता की आजीविका प्रभावित हुई है। घरेलू सिलेंडर की कीमतें पिछले तीन वर्षों में ही 89.7 प्रतिशत बढ़ी हैं। कांग्रेस शासन के दौरान गैस सिलेंडर ₹400 के आसपास थे, लेकिन मोदी सरकार ने ₹1100 से भी महंगा करके चुनावों में जनता को ठगने का प्रयास किया है।

उनका कहना था कि मोदी सरकार को जनता की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है, लगता है कि वह सिर्फ लूट की नीति पर काम कर रही है। इसके बावजूद, महंगाई से पीड़ित लोगों को राहत देने की बजाय टोल दरों में निरंतर वृद्धि असहनीय और बेहद खराब है। व्यापारी वर्ग, जो पहले से ही आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं, को भी टोल दरें बढ़ने से भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में गरीबों और मध्यम वर्गों के बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए।

उन्हें टोल प्लाजाओं पर वाहनों से वसूला गया टोल आखिर कहाँ जा रहा है? प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं से बचाने वाला कोई नहीं है। इन हाईवे पर शहर से दूर होने के बावजूद एंबुलेंस और मेडिकल सुविधाएं नहीं हैं। दुर्घटनाग्रस्त लोगों को इलाज नहीं मिलता तो वे मर जाते हैं। 152D हाईवे पर प्रस्तावित छह ट्रॉमा सेंटरों में से एक भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है। प्रदेश के सड़कों और एक्सप्रेस-वे की दुर्लभ हालत है; कई स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं और अभी तक मरम्मत नहीं की गई हैं। विभिन्न स्थानों पर गड्ढे हैं। हाईवे, एक्सप्रेस-वे और नागरिक सुविधाओं के नाम पर लोगों से भारी टोल हड़पा जाता है। KTM जैसे एक्सप्रेस-वे पर रात में कोई मजबूत सुरक्षा प्रबंध नहीं हैं। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग पर चलते हैं। अन्य राजमार्गों की भी यही स्थिति है। नागरिक रात को भगवान पर भरोसा करते हैं। धुंध की वजह से सर्दियों में वाहनों का चलना भी मुश्किल हो जाता है, और हर साल सैकड़ों दुर्घटनाओं के समाचार मिलते हैं। यहाँ तक कि शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था और सुरक्षा नहीं है, फिर भी टोल दरों को बार-बार बढ़ाना आम लोगों की समझ से बाहर है। 

प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री पद से खट्टर साहब की विदाई से कुछ राहत की उम्मीद थी, लेकिन नए मुख्यमंत्री पहले वाले से भी बदतर निकले। मुख्यमंत्री नायब सिंह सत्तासुख में डूबे हुए हैं, इस भारी वृद्धि पर जनता की आवाज उठाने के बजाय। 

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस राज्य की जनता के साथ भाजपा सरकार का अन्याय कतई सहन नहीं करेगी। टोल दरों में वृद्धि करने का फैसला भाजपा सरकार को तुरंत वापस लेना चाहिए, अन्यथा राज्य की जनता उन्हें सबक सिखाकर रहेगी।

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