Mustard Oil Pirce: अचानक सस्ता हुआ सरसों का तेल, दाम सुनकर उमड़ी खरीदारों की भीड़
Mustard Oil Pirce: तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। क्या देश में खाने के तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी? क्या इनकी कीमतें कम हो जाएंगी या बढ़ जाएंगी? आने वाले समय में मांग का दबाव कम हो जाएगा।
Haryana Update: आपको बता दें, की खाने के तेल की कीमतें पिछले कुछ समय से भारी हो गई हैं। India पाम तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से भारत में खाद्य तेल की लागत बढ़ी। तेल की कीमतें पिछले हफ्ते बढ़ी हैं क्योंकि तेल के रेट में मामूली बढ़ोत्तरी हुई हैं।
भारत में तेल की बढ़ती कीमतों से लोग चिंतित हैं, मार्च में वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक में 8 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है। खाद्य तेलों की कीमतों में दुनिया भर में भारी उछाल हुआ है, साथ ही कच्चे तेल की भी। 7 महीने में पहली बार खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतें बढ़ी हैं।
भारत में भी खाद्य तेलों की कीमतों पर वैश्विक बाजार का प्रभाव देखा गया है। तेल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। क्या देश में खाने के तेल की कीमतें आसमान छूने लगेंगी? क्या इनकी कीमतें कम हो जाएंगी या बढ़ जाएंगी? आने वाले समय में मांग का दबाव कम हो जाएगा। जिससे तेल की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ी हैं। मार्च में खाद्य एवं कृषि संगठन का वनस्पति तेल मूल्य सूचकांक 8 प्रतिशत बढ़ा है। शाकाहारी तेल मूल्य सूचकांक में दस खाद्य तेलों की कीमतें शामिल हैं, जो इस वर्ष का उच्चतम स्तर है। खाद्य तेलों के सूचकांक में दर्ज की गई वृद्धि सबसे अधिक है। मार्च में कीमतें बढ़ने से आपूर्ति मांग से कम रही हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों को लेकर भारत पर असर को लेकर विशेषज्ञ बहुत चिंतित नहीं हैं। रमजान और होली के कारण मार्च में खाद्य तेलों की मांग बढ़ी, जिसके कारण आयात में उछाल आया है, अतुल चतुवेर्दी ने बताया। लेकिन खाद्य तेलों की मांग मार्च के रिकॉर्ड स्तर से नीचे ही रहेगी। दूसरी ओर, खाद्य तेलों का आयात जारी किया गया है और सरसों की आपूर्ति आने वाले समय में बढ़ सकती है। इनकी लागत कम नहीं होगी।