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Haryana Gov News: हरियाणा में कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने प्रमोशन का रास्ता किया साफ!

Haryana Gov News: सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तीन अलग-अलग नीतियां बनाईं। 18 जून 2014 को पहली नीति बनाई गई, जिसमें लगभग पांच हजार कर्मचारियों को तीन साल पूरे करने की अनुमति दी गई।

 
Haryana Gov News: हरियाणा में कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले, सरकार ने प्रमोशन का रास्ता किया साफ!

Haryana Update: 2014 की नीति के तहत दृढ़ रहने वाले कर्मचारियों को हरियाणा सरकार से बाहर निकलने से ठीक पहले सरकार ने बड़ी राहत दी है। करीब पांच हजार कर्मचारियों को पदोन्नति दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट हालांकि अंतिम निर्णय लेगा।

मानव संसाधन विभाग ने इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागों के प्रमुखों, प्रबंध निदेशकों, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार, संभागीय आयुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं, मुख्य सचिव के निर्देशन में।

2014 के विधानसभा चुनाव से पहले, पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार ने कच्चे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तीन अलग-अलग नीतियां बनाईं। 18 जून 2014 को पहली नीति बनाई गई, जिसमें लगभग पांच हजार कर्मचारियों को तीन साल पूरे करने की अनुमति दी गई।

10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने के लिए जुलाई में, 31 दिसंबर 2018 तक एक नई नियमितीकरण नीति बनाई गई। बाद में मामला उच्च न्यायालय पहुंचा।

Jun 2018 में, उच्च न्यायालय ने 2014 की नियमितीकरण नीति पर रोक लगा दी और सभी अनुबंध कर्मचारियों को हटाने का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुदीप अहलूवालिया की खंडपीठ ने सोनीपत निवासी योगेश त्यागी और अन्य की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए निर्णय दिया कि कच्चे कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय कोई नियम नहीं रखा गया था। इन कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला सीधे पीछे से आता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जो 26 नवंबर 2018 को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देता है। इन कर्मचारियों की पदोन्नति 18 जून 2020 को राज्य सरकार ने रोक दी।

6 फरवरी को शीर्ष अदालत ने 2014 की नीति के तहत नियमित कर्मचारियों की पदोन्नति की मांग करने वाली मदन सिंह और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य मामले में अंतरिम आदेश पारित किया।

हालाँकि, मौजूदा अपीलों के परिणाम ये पदोन्नति देंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करते हुए सरकार ने फैसले से प्रभावित कर्मचारियों की पदोन्नति पर लगाई गई रोक हटा दी है।\


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