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हरियाणा में दिव्यांगों के लिए ₹3,000 मासिक पेंशन, जानिए कैसे करें आवेदन!"

हरियाणा सरकार ने दिव्यांगों के लिए ₹3,000 मासिक पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना का लाभ पाने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों को आवेदन करना होगा। जानिए आवेदन प्रक्रिया और पात्रता के बारे में पूरी जानकारी

 
हरियाणा में दिव्यांगों के लिए ₹3,000 मासिक पेंशन, जानिए कैसे करें आवेदन!"
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Haryana Pension: हरियाणा सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए एक सराहनीय और राहत देने वाला निर्णय लिया है. इसके तहत राज्य में 21 तरह की दिव्यांगता से पीड़ित नागरिकों को हर महीने ₹3000 की पेंशन दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को आर्थिक सहारा प्रदान करना है.

किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?

इस पेंशन योजना का लाभ केवल उन्हीं दिव्यांग व्यक्तियों को मिलेगा जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:

  • लाभार्थी की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए.
  • परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए.
  • आवेदक हरियाणा का मूल निवासी हो और कम से कम पिछले 3 वर्षों से राज्य में निवास कर रहा हो.

योजना में शामिल 21 दिव्यांगताएं

हरियाणा सरकार की इस योजना में नीचे दी गई 21 दिव्यांगताओं को शामिल किया गया है:

  • चलने-फिरने में अक्षमता
  • कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति
  • मस्तिष्क पक्षाघात
  • मांसपेशियों की कमजोरी
  • अंधापन
  • कम दृष्टि
  • श्रवण दोष
  • भाषण विकार
  • बौद्धिक विकलांगता
  • विशेष सीखने की अक्षमता
  • ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार
  • मानसिक बीमारी
  • क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थिति
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस
  • पार्किंसंस रोग
  • सिकल सेल रोग
  • शारीरिक विकलांगता
  • हीमोफीलिया
  • थैलेसीमिया
  • एसिड अटैक पीड़ित
  • बौने व्यक्ति

थैलेसीमिया और हीमोफीलिया भी हुए शामिल

पहली बार हरियाणा सरकार ने थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी बीमारियों को भी इस पेंशन योजना में शामिल किया है. इन बीमारियों में लंबे समय तक इलाज और महंगे खर्च की जरूरत होती है. जिससे मरीजों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. अब इन्हें भी ₹3000 प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी.

सरकार की मंशा

हरियाणा सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए राज्य के दिव्यांग नागरिकों को सम्मानजनक और स्वावलंबी जीवन जीने का अवसर मिलेगा. यह कदम न केवल आर्थिक मदद प्रदान करेगा. बल्कि समाज में उनकी सकारात्मक भागीदारी को भी बढ़ावा देगा.