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हरियाणा मे JJP को झटके पे झटका, 48 घंटों मे 5 विधायकों ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी कॉंग्रेस मे जाने की तैयारी

जेजेपी के पास लोकसभा चुनाव से पहले दस विधायक थे। पार्टी से 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब 5 बचे हैं, इनमें से 2 रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम ने भी पार्टी छोड़ दी है। फिलहाल, जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा, बाढड़ा से विधायक उनकी मां नैना चौटाला और उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला ही JJP के साथ हैं

 
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हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के 48 घंटे के भीतर 5 जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इन विधायकों में उकलाना से अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, शाहबाद से रामकरण काला, गुहला चीका से ईश्वर सिंह और बरवाला से जोगीराम सिहाग हैं।

इनमें देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह और रामकरण काला के कांग्रेस में जाने की चर्चा है। वहीं जोगीराम सिहाग और अनूप धानक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम भी पार्टी छोड़ सकते हैं। JJP से दोनों विधायक नाराज हैं।

जेजेपी के पास लोकसभा चुनाव से पहले दस विधायक थे। पार्टी से 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब 5 बचे हैं, इनमें से 2 रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम ने भी पार्टी छोड़ दी है। फिलहाल, जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा, बाढड़ा से विधायक उनकी मां नैना चौटाला और उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला ही JJP के साथ हैं।

1 अक्टूबर को राज्य में एक ही फेज में 90 सीटों पर चुनाव होंगे। 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

पार्टी सचिव ने कहा कि पहले हमने नोटिस भी दिया था, जबकि दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता।

JJP के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि बहुत से लोग धोखा दे रहे हैं। पार्टी को किसी व्यक्ति के आने या जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। JJP विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम सरकार को पूर्ण बहुमत से बनाएंगे।

ये दूसरी पार्टियों से आए थे, प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने कहा। ये चुनाव के बाद विधायक बन गए। अब वे पार्टी से बाहर चले गए। हमने इन विधायकों को पार्टी के खिलाफ कार्य करने के लिए भी नोटिस भेजा था। रामकरण काला ने भी दो बार उत्तर दिया था। मैं किसी पार्टी में नहीं हूँ, उन्होंने कहा। हमने जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान याचिका दायर की थी। चुनाव के दौरान वह भाजपा उम्मीदवारों के कार्यक्रम में उपस्थित था।

JJP ने 2019 विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतीं, जो गठबंधन के टूटने के बाद शुरू हुआ था। BJP ने बहुमत से हारकर JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई। उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला डिप्टी मुख्यमंत्री बने। JJP ने अनूप धानक को श्रम और रोजगार राज्यमंत्री बनाया और देवेंद्र बबली को पंचायत मंत्री बनाया।

दोनों पार्टियों का गठबंधन 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर टूट गया। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने इसके बाद इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गया। JJP विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और विधायक जोगीराम सिहाग भी भाजपा कार्यक्रमों में शामिल हुए।

JJP ने इसके बाद दोनों विधायकों को नोटिस भेजा। साथ ही सदस्यता रद्द करने की मांग करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से याचिका लगाई। याचिका पर फैसला अभी नहीं हुआ है।हरियाणा में विधानसभा चुनावों की घोषणा के 48 घंटे के भीतर 5 जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायकों ने पार्टी छोड़ दी। इन विधायकों में उकलाना से अनूप धानक, टोहाना से देवेंद्र बबली, शाहबाद से रामकरण काला, गुहला चीका से ईश्वर सिंह और बरवाला से जोगीराम सिहाग हैं।

इनमें देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह और रामकरण काला के कांग्रेस में जाने की चर्चा है। वहीं जोगीराम सिहाग और अनूप धानक भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम भी पार्टी छोड़ सकते हैं। JJP से दोनों विधायक नाराज हैं।

जेजेपी के पास लोकसभा चुनाव से पहले दस विधायक थे। पार्टी से 5 विधायकों के इस्तीफे के बाद अब 5 बचे हैं, इनमें से 2 रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम ने भी पार्टी छोड़ दी है। फिलहाल, जुलाना से विधायक अमरजीत ढांडा, बाढड़ा से विधायक उनकी मां नैना चौटाला और उचाना से विधायक दुष्यंत चौटाला ही JJP के साथ हैं।

1 अक्टूबर को राज्य में एक ही फेज में 90 सीटों पर चुनाव होंगे। 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

पार्टी सचिव ने कहा कि पहले हमने नोटिस भी दिया था, जबकि दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता।

JJP के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा कि बहुत से लोग धोखा दे रहे हैं। पार्टी को किसी व्यक्ति के आने या जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। JJP विधानसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम सरकार को पूर्ण बहुमत से बनाएंगे।

ये दूसरी पार्टियों से आए थे, प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह ने कहा। ये चुनाव के बाद विधायक बन गए। अब वे पार्टी से बाहर चले गए। हमने इन विधायकों को पार्टी के खिलाफ कार्य करने के लिए भी नोटिस भेजा था। रामकरण काला ने भी दो बार उत्तर दिया था। मैं किसी पार्टी में नहीं हूँ, उन्होंने कहा। हमने जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा के खिलाफ लोकसभा चुनाव के दौरान याचिका दायर की थी। चुनाव के दौरान वह भाजपा उम्मीदवारों के कार्यक्रम में उपस्थित था।

JJP ने 2019 विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतीं, जो गठबंधन के टूटने के बाद शुरू हुआ था। BJP ने बहुमत से हारकर JJP के साथ मिलकर सरकार बनाई। उस समय मनोहर लाल मुख्यमंत्री और दुष्यंत चौटाला डिप्टी मुख्यमंत्री बने। JJP ने अनूप धानक को श्रम और रोजगार राज्यमंत्री बनाया और देवेंद्र बबली को पंचायत मंत्री बनाया।

दोनों पार्टियों का गठबंधन 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर टूट गया। प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने इसके बाद इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गया। JJP विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और विधायक जोगीराम सिहाग भी भाजपा कार्यक्रमों में शामिल हुए।

JJP ने इसके बाद दोनों विधायकों को नोटिस भेजा। साथ ही सदस्यता रद्द करने की मांग करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से याचिका लगाई। याचिका पर फैसला अभी नहीं हुआ है।

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