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हरियाणा के सभी स्कूली छात्रों को मिलेगी मुफ्त बस सुविधा, ऐसे करें आवेदन

Haryana News: निर्देशों में कहा गया है कि गर्मी बढ़ती जा रही है, इसलिए छात्रों को खुले स्थानों में न बैठाया जाए और स्कूल में साफ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

 
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Haryana News: आपको बता दें, की हरियाणा के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को परिवहन सुविधा प्रदान करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजे हैं।

हाल ही में नारनौल जिले के गांव उन्हानी में एक निजी स्कूल के छह बच्चों को एक सड़क दुर्घटना ने मार डाला। प्रदेश सरकार ने इस घटना के बाद स्कूली बच्चों को परिवहन सुविधा देने पर गंभीर रुचि दिखाई है। सरकारी स्कूलों में पहली से बारहवीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को विद्यार्थी परिवहन सुरक्षा योजना के तहत निशुल्क बस सेवाएं अप्रैल से शुरू हुए शैक्षणिक वर्ष के दौरान उपलब्ध कराई जाएंगी।

शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि निशुल्क परिवहन व्यवस्था का लाभ लेने वाले विद्यार्थियों का डेटा MIS पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

आवेदन इस तरह कर सकते हैं
अफसरों ने कहा कि विद्यार्थी जो इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके डाटा देने की आवश्यकता होगी। वाहनों की सूची और रूट मैप को घर से स्कूल की दूरी के साथ अपलोड किया जाएगा। हरियाणा सरकार एक मई से प्रदेश के विद्यार्थियों को मुफ्त परिवहन योजना का लाभ देने की योजना बना रही है।

शिक्षा निदेशालय ने बुधवार को स्कूलों में पानी की कमी को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी को अपने अधीन आने वाले स्कूलों पर पूरा ध्यान देना चाहिए। निर्देशों में कहा गया है कि गर्मी बढ़ती जा रही है, इसलिए छात्रों को खुले स्थानों में न बैठाया जाए और स्कूल में साफ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही दिन में तीन बार पानी की घंटी बजाई जाए, ताकि सभी छात्र समय पर पानी पी सकें और अपने शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी रख सकें।

रेड क्रॉस फंड से ओआरएस पैकेट बनाने के लिए स्कूलों को कहा गया है, जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने बताया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग से भी संपर्क करें। यह भी आवश्यक है कि किसी आपातकालीन परिस्थिति में प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाए। रूम की खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमिनियम से ढक दें, ताकि बाहर की गर्मी को अंदर नहीं आने दें। खिड़कियों पर पर्दे लगायें। बच्चों को बंद वाहन में अकेले नहीं छोड़ा जाना चाहिए। विद्यालय से बाहर होने वाली गतिविधियों को सुबह 10 बजे से पहले ही समाप्त करना चाहिए।