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दिल्ली-NCR के इन कॉलोनियों पर बुलडोजर चलना तय, 5000 से अधिक अवैध निर्माण पर भी है नजर

दिल्ली-NCR के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, दादरी, लोनी, बागपत और ट्रोनिका सिटी जैसे इलाकों में अवैध कॉलोनियों पर योगी सरकार ने बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है. भूमाफियाओं ने गलत नक्शा बना कर इन इलाकों में अवैध निर्माण कर रखा है.

 
दिल्ली-NCR के इन कॉलोनियों पर बुलडोजर चलना तय

Haryana Update: दिल्ली-एनसीआर में अवैध निर्माण को लेकर सख्ती शुरू होने वाली है. खासकर दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर जैसे इलाकों में सख्ती शुरू भी हो गई है. इन इलाकों में भूमाफियों के अवैध कॉलोनियों पर योगी सरकार का बुलडोजर (Bulldozer) चलना शुरू हो गया है. वहीं, फरीदाबाद, पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाके, दादरी, ग्रेटर नोएडा और नोएडा के कुछ अवैध कॉलोनियों पर भी बुलडोजर चलने का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में अगर आप इन इलाकों में भूमाफिया द्वारा बसाई गई अवैध कॉलनियों में घर, जमीन, मकान, फ्लैट या दुकान खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो आप सतर्क हो जाएं. आपको मकान खरीदने से पहले संबंधित प्राधिकरण से प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी लेनी चाहिए. बात दें कि यूपी में योगी सरकार ने सभी प्राधिकरण के अधिकारियों को इस बारे में रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है.

दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और दादरी इलाके में पिछले कुछ सालों से अवैध कॉलोनियों की बाढ़ आ गई है. भूमाफिया हर दिन इन इलाकों में अवैध तरीके से जमीन काट कर बेच रहे हैं और यहां धीरे-धीरे कॉलनियां बस जा रही हैं. उदाहरण के तौर पर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण दादरी तहसील के कैमराला चक्रसेनपुर गांव में टाउनशिप बसाने की योजना बना रहा है, लेकिन इस भूमाफियाओं ने इस गांव में अवैध कॉलनी काट दी है. यहां पर सैकड़ों मकान बन कर तैयार हो गए हैं. ऐसे में प्रशासन के सामने अब चुनौती है कि इन मकानों को कैसे खाली कराया जाए.

वसुंधरा में 5000 से अधिक अवैध निर्माण
इसी तरह गाजियाबाद के कई इलाकों में अवैध निर्माण के कई मामले गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सामने रोजाना आ रहे हैं. हाल ही में आवास विकास परिषद के एक सर्वे रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां 5000 से अधिक अवैध निर्माण हुए हैं. 90 के दशक में वसुंधरा योजना को विकसित किया गया था. यहां ग्रुप हाउसिंग, एकल भवन और भूखंड की बिक्री की गई थी. दिल्ली से नजदीक होने के कारण हर कोई यहां मकान लेना चाहता था. इन 20 वर्षों में इस इलाके में इमारतों का जाल बिछ गया है. बिल्डरों ने अपने फायदे के अनुसार नक्शा में गड़बड़ी कर मकान बना डाला. जहां तीन मंजिला मकान बनाने की इजाजत थी, वहां कई मंजिला इमारत बन गई. आवास विकास परिषद की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.

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