मां लक्ष्मी का ये व्रत है बेहद खास, सोने की खरीद से 8 गुना हो जाती है वृद्धि

Gaja Lakshmi Vrat Significance: हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है और इसी दिन से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। इस बार महालक्ष्मी व्रत 3 सितंबर से शुरू हुए थे और 17 सितंबर तक चलेगें।
ये 16 दिवसीय व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित होते हैं। इसके आखिरी दिन गज लक्ष्मी व्रत रखा जाता है। बता दें कि अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को गज लक्ष्मी व्रत रखा जाएगा, जो कि इस बार 17 सितंबर को पड़ रहा है और 18 सितंबर को व्रत का उद्यापन किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि गज लक्ष्मी व्रत के दिन मां लक्ष्मी गज पर विराजमान होकर आती हैं। इस दौरान मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत आदि करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं महालक्ष्मी व्रत के बारे में कुछ जरूरी बातें।
गज लक्ष्मी व्रत का महत्व
गज लक्ष्मी व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा की जाती है। 16 दिवसीय मां लक्ष्मी के व्रतों का ये आखिरी दिन होता है।
इस दिन रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने वाले जातकों को अन्न ग्रहण नहीं करना होता। उनसे प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी अपीन कृपा बरसाती हैं। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, धन-धान्य, संतान आदि की प्राप्ति होती है।
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इस दिन सोना खरीदना होता है शुभ
धन की देवी मां लक्ष्मी को लेकर मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करता है, वे रंक से राजा बन जाता है। धार्मिक मान्यता है कि गज लक्ष्मी व्रत के दिन सोना करना भहुत शुभ माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से उसमें 8 गुना ज्यादा वृद्धि हो जाती है। इस बार गज लक्ष्मी व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा। इसे महालक्ष्मी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। ये 16 दिवसीय व्रत का उद्यापन 17वें दिन किया जाता है।