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हरियाणा के इस लड़के ने बना डाली ई-साइकिल, 2 घंटे में फुल चार्ज और 50KM की रेंज, जानिए कीमत और फीचर्स

विकास यादव ने एक अलग तरह की ई-साइकिल तैयार की है। इसकी खास बात यह है कि ये साइकिल पैडल और बैटरी दोनों से चल सकती है। इसमें कई तरह के फीचर्स दिए गए हैं। 30 हजार रुपए की लागत से तैयार हुई इस साइकिल की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

 
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Haryana Update: हरियाणा में रेवाड़ी जिले के रहने वाले इंजीनियर विकास यादव ने एक अलग तरह की ई-साइकिल तैयार की है। इसकी खास बात यह है कि ये साइकिल पैडल और बैटरी दोनों से चल सकती है। इसमें कई तरह के फीचर्स दिए गए हैं। 30 हजार रुपए की लागत से तैयार हुई इस साइकिल की रफ्तार 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

एक बार चार्ज होने पर यह 50 किलोमीटर तक का सफर इस साइकिल से किया जा सकता है। हालांकि यह राइडर यानी साइकिल चलाने वाले व्यक्ति पर डिपेंड करता है। जैसे अगर 60 किलो वजन वाला व्यक्ति अगर इसे चलाएगा तो 50 किलोमीटर और इससे अधिक वजन वाले व्यक्ति के चलाने पर कुछ किलोमीटर कम चल सकती है।

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अलग तरह की खास साइकिल
विकास यादव द्वारा तैयार किए गए ई-व्हीकल की डिमांड भी बढ़नी शुरू हुई और उनके द्वारा बनाए गए ई-व्हीकल झारखंड के धनबाद तक गए। इसके बाद एक खास तरह की ई-साइकिल बनाने पर काम शुरू किया। करीब साढ़े 11 किलो वजन की यह साइकिल अब बनकर तैयार हो गई है। इसमें लोहे के अलावा एल्यूमीनियम का प्रयोग किया गया है।

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ढाई घंटे में फुल चार्ज होगी बैटरी
ई-साइकिल में फिट की गई बैटरी ढाई घंटे में फुल चार्ज होगी। साइकिल के पीछे एक कैरियर लगाया गया है, जिस पर लगेज या बच्चे को भी ले जाया जा सकता है। विकास ने बताया कि आने वाले समय में इसी साइकिल में वह कुछ और फीचर्स देने पर काम कर रहे हैं।

साइकिल में दिए फीचर्स
विकास ने बताया कि उन्होंने जो ई-साइकिल बनाई है, वो अन्य साइकिलों से कुछ अलग है। ये साइकिल 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकती है। इसमें एक कंट्रोलर भी दिया गया है, जिससे स्पीड सेट हो जाती है। उसके बाद रेस देने की जरूरत ही नहीं पड़ती।

इतना ही नहीं इसमें एक बैटरी भी लगाई गई है। दोनों चीजें वाटरप्रूफ है। साइकिल के हैंडल पर डिजीटल डिस्प्ले मीटर लगा है, जिसमें स्पीड, बैटरी की कैपेसिटी जैसी चीजें दर्शाई गई है। इतना ही नहीं रात के वक्त आगे लगी एलईडी लाइट चालू की जा सकती है। साथ ही पीछे के साइड में ब्रैक लाइट लगाई है।

6 साल ऑटो मोबाइल सेक्टर में की नौकरी
विकास यादव ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद ऑटो मोबाइल सेक्टर में उन्हें नौकरी मिल गई। एक्सपीरिएंस बढ़ा तो सैलरी पैकेज भी बढ़ गया, लेकिन हर वक्त उनके दिमाग में कुछ नया करने की बात चलती रही।

16 साल प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने के बाद उन्होंने डेढ़ साल पहले स्टार्टअप शुरू किया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स व्हीकल बनाने शुरू किए। शुरुआत में उन्होंने कार्गो, डिलीवरी व्हीकल जैसे कई छोटे स्टार्टअप पर काम किया।

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