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क्यों होती है Overthing? जानिए कारण और बचाव

Overthinking Reason : अवरथिंकिंग या अत्यंत चिंतन तब होती है जब किसी व्यक्ति का मन एक विषय पर लगा रहता है और वह उस विषय को बार-बार सोचता है, अधिक सोचने में समय बिताता है, और चिंता में पड़ जाता है।
 
Haryana Update

Haryana Update, Overthinking Reason : अवरथिंकिंग या अत्यंत चिंतन तब होती है जब किसी व्यक्ति का मन एक विषय पर लगा रहता है और वह उस विषय को बार-बार सोचता है, अधिक सोचने में समय बिताता है, और चिंता में पड़ जाता है। यह कुछ मुख्य कारणों से होती है:

भविष्य में चिंता (फ्यूचर एंक्सायटी): व्यक्ति भविष्य के संकेतों, घातक भविष्य की कल्पना, या अनजाने संकट के विचार से परेशान हो सकता है, जिससे ओवरथिंकिंग होती है।

गुज़रे हुए लम्हों का दुबारा चिंतन (र्यूमिनेशन): कुछ लोग अपने गुज़रे हुए लम्हों या घटित हुए संकट को बार-बार याद करते हैं, जिससे उनका मन अत्यंत व्यस्त रहता है।

निर्णय लेने में दिक्कत (डिसिजन-मेकिंग एंक्सायटी): कुछ व्यक्तियों को निर्णय लेने में कठिनाई होती है और वे संकेत मिलने पर भी फैसला नहीं ले पाते हैं, जो उन्हें चिंतित कर देता है।

क्या आपको भी होती है Overthinking? कम करने के लिए अपनाये ये तरीके

अत्यंत सावधान (परफेक्शनिज्म): कुछ लोग अपने आप से या दूसरों से अत्यंत अधिक परफेक्शन मांगते हैं, जिससे हर कदम पर सही होने की आपेक्षा उन्हें चिंतित कर देती है।

संबंधों में परेशानी (रिलेशनशिप एंक्सायटी): व्यक्ति के व्यक्तिगत या सामाजिक संबंधों में समस्या होने पर भी ओवरथिंकिंग होती है।

भय (फियर): किसी भय या डर के कारण भी व्यक्ति ओवरथिंकिंग कर सकता है, जैसे किसी अनजाने संकट से डर।

स्वास्थ्य समस्याएँ (हेल्थ इश्यूज़): आराम से ठीक होने वाले समस्याओं के कारण भी किसी को चिंता हो सकती है, जिससे ओवरथिंकिंग होती है।

जीवन के दबाव (लाइफ स्ट्रेस): जीवन में अधिक दबाव, समस्याओं का सामना, या अधिक उत्तरदायित्व के कारण भी व्यक्ति अत्यंत सोच में पड़ जाता है।

ओवरथिंकिंग से बचने के लिए, व्यक्ति को अपने विचारों को नियंत्रित करना, स्थितियों को सही तरीके से देखना, और समाधान निकालने पर ध्यान देना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति लगातार ओवरथिंकिंग से परेशान है, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा।


 

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