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Liver Disease: ये जड़ी-बूटी फैटी लिवर और डायबिटीज का खतरा भी कम करते हैं।

इस बीमारी के लक्षणों में पेट में दर्द, मतली, भूख न लगना, वजन कम होना, सूजन, थकान और कमजोरी शामिल हैं। लिवर में सूजन बढ़ सकता है, जो लिवर को खराब कर सकता है।
 
Liver Disease: ये जड़ी-बूटी फैटी लिवर और डायबिटीज का खतरा भी कम करते हैं।

Haryana Update: आजकल, गलत खानपान और खराब लाइफस्टाइल के कारण फैटी लिवर एक आम समस्या बन गया है। लिवर के सेल्स में फैट जमा होने से फैटी लिवर बीमारी होती है। 

मरीज भी फैटी लिवर से मर सकते हैं अगर उसे समय पर इलाज नहीं मिलता। फैटी लिवर को रोका जा सकता है सही खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव करके। फैटी लिवर का इलाज भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से हो सकता है। हम इस लेख में एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के बारे में बताएँगे जो फैटी लिवर को दूर कर सकती है।

गिलोय: गिलोय हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा है। आयुर्वेद में कई बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। गैलोय में अत्यधिक एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। गिलोय लिवर को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण है। गिलोय का सेवन फैटी लिवर के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। एक चम्मच गिलोय का रस और शहद को एक गिलास पानी में मिलाकर हर सुबह खाली पेट पिएं।

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गिलोय से बुखार कम करने के अन्य लाभ: गिलोय के एंटीपायरेटिक गुण बुखार को कम करने में मदद करते हैं।
कम सूजन: गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इससे गठिया, अस्थमा और अन्य सूजन रोगों में राहत मिल सकती है।
कैमर: Gilead में एंटी-कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स को रोकने में मदद करते हैं।
डायबिटीज नियंत्रण: गिलोय के एंटी-डायबिटिक गुण ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
चेहरा: गिलोय के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण त्वचा को क्षति से बचाने में मदद करते हैं। यह मुंहासे, एक्जिमा और अन्य त्वचा रोगों को रोक सकता है।

 

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