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Salary Hike Update: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सरकार का तौफा, जानें पूरी खबर

Salary Hike Update: जनवरी में सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधरेगा और महंगाई कम होगी।
 
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Salary Hike Update:  जनवरी में सरकार ने लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। सरकार के इस निर्णय से कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधरेगा और महंगाई कम होगी।

 

सरकार की इस घोषणा से कर्मचारी और पेंशनर्स उत्साहित हैं। इसके बाद से ही कर्मचारियों में नए वेतन आयोग, आठवीं वेतन आयोग, के तहत उनकी सैलरी में बदलाव की चर्चा हो रही है। आइए देखें कि पेंशन में सैलरी के साथ कितना इजाफा हो सकता है।
आयोग सैलरी स्ट्रक्चर कैसे निर्धारित करता है


वेतन आयोग लागू करने का सरकारी उद्देश्य कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई से बचाना है। वेतन आयोग एक उच्चस्तरीय कमेटी है। जब भी कोई नया वेतन आयोग (आठवीं वेतन कमीशन वेतनवृद्धि) लागू होता है, इस दौरान कई मुद्दों पर विचार किया जाता है। आयोग में शामिल सदस्यों में वेतन, वित्त, अर्थशास्त्र और मानव संसाधन क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं। इसमें महंगाई और देश की आर्थिक स्थिति पर निर्णय लिए जाते हैं।


क्यों वेतन आयोग बनाया जाता है?

 


कर्मचारियों को फिलहाल सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत भुगतान और पेंशन मिल रहे हैं। सातवें वेतन आयोग की तुलना में अब इस आयोग के सामने एक चुनौती है: प्रतिस्पर्धी होते हुए भी सरकार द्वारा वहन करने योग्य सैलरी स्ट्रक्चर बनाना।  यह आकर्षक, स्वीकार्य और उपयुक्त भी है। इसके अलावा, नए वेतन आयोग की सरलता और तर्कसंगतता पर भी विचार करना होगा। 

 


भत्तों के लिए भी सिफारिश की जाती है-

 


वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए कई सिफारिशें करता है। इसमें पेंशन, महंगाई भत्ता, आवास, परिवहन और मेडिकल भत्ता शामिल हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों को बेहतर काम करने के लिए ट्रेनिंग देने की भी सिफारिशें की जाती हैं।

सरकार को ही आयोग की सिफारिशों पर अंतिम निर्णय लेना होगा। सरकार वित्तीय सेहत, राजकोषीय कंडिशन और महंगाई स्तर पर विचार करने के बाद वेतन आयोग की इन सिफारिशों को मान सकती है अगर सरकार चाहे तो। 

कितनी वृद्धि कर्मचारियों को मिल सकती है-


सैलरी और पेंशन केवल फिटमेंट फैक्टर से निर्धारित होते हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत फिलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इसके अनुसार ही कर्मचारियों को सैलरी और पेंशन दी जाती है। मतलब, नए वेतन आयोग में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 2.27 गुना बढ़ सकती है। सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी 18000 हो गई, जो पहले 7000 हजार थी। 

कैसे सैलरी और पेंशन को कैलकुलेट करें: 


इस केलकुलेशन (Fitment Factor Calculations) से आप सैलरी का पता लगा सकते हैं (7000 x 2.57)। यही नहीं, न्यूनत्तम पेंशन भी 9000 हो गई, जो पहले 3500 थी। 3500x2.57 फॉर्मूला पेंशन कैलकुलेशन बना सकता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों का अधिकतम वेतन 2.5 लाख रुपये तक पहुंच गया है और उनकी अधिकतम पेंशन 1.25 लाख रुपये है। आप अपनी सैलरी कैलकुलेट करने के लिए फिटमेंट फैक्टर का उपयोग कर सकते हैं।

क्या फिटमेंट फैक्टर बढ़ सकता है?


सरकार ने अभी सिर्फ इस नए वेतन आयोग की स्थापना की घोषणा की है, लेकिन फिटमेंट फैक्टर की पुष्टि नहीं की है। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor in 8th Pay Commission) 2.86 तक हो सकता है, जो फिलहाल 2.57 है, एक्सपर्ट्स का कहना है। केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18 हजार से 41000 से 51480 रुपये तक बढ़ सकती है अगर सरकार ऐसा करती है। इस इजाफे के बाद कर्मचारियों को महंगाई के दौरान काफी राहत मिलेगी।
इस दिन से नया वेतन आयोग लागू होगा:


सातवें वेतन आयोग (सातवां वेतन आयोग) का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो जाएगा. इसके बाद सरकार 1 जनवरी 2026 को एक नया वेतन आयोग लागू कर सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊपर दिये गए आंकड़े सिर्फ बेसिक सैलरी के लिए हैं। वेतन आयोग मूल वेतन (Basic Pay for Employees) के अलावा महंगाई, मेडिकल, आवास और परिवहन भत्ता निर्धारित करता है। यदि इन सभी अतिरिक्त सुविधाओं को मूल वेतन में जोड़ा जाए तो कर्मचारी की सैलरी लगभग दोगुनी हो जाएगी।

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