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मिड-डे-मिल में होगी अब बच्चों की फरमाइश पूरी

मिड-डे-मिल योजना में  सरकारी विद्यालयों के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता हैं। एस योजना को 15 अगस्त 1995 में शुरू किया गया।
 
 मिड-डे-मिल में होगी अब बच्चों की फरमाइश पूरी

हरियाणा में सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड-डे-मिल दिया जाता हैं। मिड-डे-मिल होता क्या हैं? मिड-डे-मिल योजना में  सरकारी विद्यालयों के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता हैं। एस योजना को 15 अगस्त 1995 में शुरू किया गया। अधिकतर बच्चे खाली पेट स्कुल पहुँचते हैं, जो बच्चे स्कूल आने से पहले भोजन करते हैं, उन्हें भी दोपहर तक भूख लग जाती है और वे अपना ध्यान पढाई पर केंद्रित नहीं कर पाते हैं इसलिए मिड-डे-मिल योजना को लाया गया ताकि कोई भी विद्यार्थी भूखा ना रहे और अपना ध्यान पढ़ाई पर ही लगाए। 

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हरियाणा में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। जो पहले मिड-डे-मिल बच्चों को दिया जाता था उसमें शिक्षा विभाग ने कुछ बदलाव करने का फैसला किया हैं। इस योजना के अन्तर्गत छात्रों को जो भोजन मिल गया हैं, वह कितना स्वादिष्ट हैं या आगे अब और कौनसा भोजन किया जाएगा इन सब विषयों पर चर्चा होगी। इस संबंध में शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी शिक्षा अथिकारियों की बैठक बुलाई और सभी विषयों पर चर्चा की जा सके।

कार्यक्रम का उद्देश्य

  • इससे प्रदेश के गरीब बच्चों को एक वक्त का भोजन मिल जाता हैं।

  • जो बच्चे विद्याय में पड़ने को आते हैं वो दोपहर तक सुस्त हो जाते हैं और उन्हें भूख लगने लग जाती हैं तो उन्हें दोहपर का खाना मिल जाता हैं।

  • यह योजना गरीब का पोषण पूरा करने में भी सहायक हैं।

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छात्र लेगा खुद निर्णय

सरकारी स्कूलों में अब जो भी भोजन परोसा जाएगा उसका निर्णय अब बच्चें खुद ले सकेगे। अब  मिड-डे-मिल में बच्चों को यह अधिकार दिया जाएगा की बच्चें अपना खाना खुद तह कर पाएगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने योजना तैयार कर ली हैं अब आगे इसको मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।

 

अब प्रत्येक दिन की रेसिपी का चार्ट बनाया जाएगा और असके अनुसार ही भोजन परोसा जाएगा और इस चार्ट में वहीं खाना होगा जो अधिकांश छात्र चाहता होगा। शिक्षा विभोग का कहना हैं कि प्रत्येक छात्र की इसमें रूचि बने रहे इसलिए इन बदलावों का होना बेहद जरूरी हैं।


 
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