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Government Scheme: यहाँ करें,आवेदन वर्मी कम्पोस्ट इकाई लगाने पर किसानों को मिलेगी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी

Haryana Update : सरकार भी किसानों को जैविक खेती शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है
 
किसानों को मिलेगी 50 प्रतिशत तक सब्सिडी 

Haryana Update : देश में में रसायनिक खाद के बढ़ते इस्तेमाल से एक तरफ़ जहां मिट्टी की उर्वकता शक्ति (Soil Fertility) कम होती जा रही है वहीं, दूसरी तरफ इन रासायनिक खादों (Chemical Fertilizers) की मदद से उगाए गये इन अनाजों का सेवन करने से खतरनाक बीमारियां बढ़ रही है। अगर लंबे समय तक ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में इसके और भी गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे।


हालाँकि अब धीरे-धीरे किसान जागरूक हो रहे है और किसानों का ध्यान अब जैविक खेती (Organic farming) की तरफ शिफ्ट हो रहा हैं। सरकार भी किसानों को जैविक खेती शुरू करने के लिए प्रेरित कर रही है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार द्वारा किसानों को वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है।

Post Contents
वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने की उपयुक्त जगह
वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने पर बंपर सब्सिडी
ये किसान उठा सकते है सब्सिडी का लाभ

 

यहां आवेदन करें
आवेदन के लिए जरुरी कागजात
वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने की उपयुक्त जगह
जैविक खेती में इस्तेमाल होने वाली खाद को हम घर पर ही तैयार कर सकते हैं। वर्मी कंपोस्ट (केंचुआ खाद) बनाने के लिए थोड़ी सावधानी बरतनी होगी। केंचुआ पालन यूनिट स्थापित करने के लिए ऐसी जगह का चयन करें जहां अंधेरा यानी उस स्थान पर सूर्य की किरणें सीधी ना पड़ें। तापमान की दृष्टि से यह स्थान थोड़ा गर्म रहे। इसे गीली और नरम जगह में रखना चाहिए।


वर्मी कंपोस्ट यूनिट बनाने पर बंपर सब्सिडी
30 फीट X 8 फीट X 2.5 फीट आकार के पक्के वर्मी कंपोस्ट (Vermicompost ) यूनिट बनाने के लिए किसानों को अधिकतम 50 प्रतिशत (अधिकतम 50000 रुपये प्रति इकाई) की सब्सिडी दी जा रही है।

वहीं वर्मी बेड इकाई (12 फीट X 4 फीट X 2 फीट आकार) बनाने के लिए 50 प्रतिशत (अधिकतम 8000 रुपये प्रति ईकाई) अनुदान दिया जाता है। किसानों के पास इसके लिए 0.4 हेक्टेयर भूमि होना बेहद जरूरी है।

यदि वर्मी कंपोस्ट यूनिट पूरी तरह से तैयार है तो जिला अधिकारी या उसके प्रतिनिधि कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी आकर वेरिफिकेशन करेंगे।


सफल वेरिफिकेशन के बाद आवेदक किसान को अनुदान की रकम आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भेजी जाएगी।
किसान को वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने के बाद कम से कम 3 साल तक नियमित तौर पर चलाने के लिए शपथ पत्र देना होगा।
वर्मी कंपोस्ट यूनिट वेरिफाई होने पर यहां किसान का नाम, पिता का नाम, राष्ट्रीय बागवानी मिशन अन्तर्गत अनुदानित वर्मी कंपोस्ट इकाई और अनुदानित वर्ष अंकित होगा।आखिर में वर्मी कंपोस्ट इकाई का फोटो उद्यान विभाग का कार्यालय में जमा करवाया जाएगा

 

ये किसान उठा सकते है सब्सिडी का लाभ
 यदि आप भी राजस्थान के किसान हैं तो वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का बेनिफिट ले सकते है। इसके लिए जिन दिशा निर्देशों का पालन करना होगा वो इस प्रकार है…

अपनी जमीन पर जैविक खेती करने वाले किसानों या जैविक खेती के अधीन आने वाले इलाकों के किसानों को ही इस स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
किसान के पास कम से कम 0.4 हेक्टेयर खुद की खेती योग्य जमीन का होना अनिवार्य है, जिसे बागवानी फसलों (फल, सब्जी, औषधी, मसाले आदि) का उत्पादन मिल रहा हो।


वर्मीकंपोस्ट यूनिट में काम आने वाले कच्चे माल के लिए पशुधन, पानी और कर्बनिक पदार्थों की भी उपलब्धता होनी चाहिए।
इसके अलावा, अजमेर , अलवर , बांसवाडा , बाडमेर , भीलवाडा , बूंदी , चित्तौडगढ , डूंगरपुर , श्रीगंगानगर , जयपुर , जैसलमेर , जालौर , झालावाड , झुंझुंनू , जोधपुर , कोटा , नागौर , पाली , सिरोही ,सवाई माधोपुर , टोंक , उदयपुर , बारां , करौली जिले के किसानों को प्राथमिकता से लाभ मिलेगा।


आवेदन के लिए जरुरी कागजात
वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिए आवेदन हेतु आवेदक के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने आवश्यक है :-


जन-आधार/भामाशाह कार्ड की प्रति*
जमाबंदी की प्रति* : –
बैंक पासबुक की प्रति* : Bank passbook copy

 

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