Banafsa: यह है बहूत ही लाभदायक औषधीय पौधा, सर्दी खाँसी जुकाम से लेकर करता है कई अन्य खतरनाक बिमारियों का खातमा
आयुर्वेदिक चिकित्सा में बनफशा के पत्ते, फूल और गुच्छों का उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए प्रसिद्ध है। यह सांस की समस्याओं के लिए भी लाभदायत है और श्वसन तंत्र को भी सुधार सकता है। यह अपच व आंत्र समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है।
Haryana Update: क्या आपने कभी बनफशा नाम सुना है? कई लोगों ने तो यह नाम पहले सुना ही नही होगा। वास्तव में, यह एक औषधीय पौधा है। जो मेडिकल क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है। उन दवाओं के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है, जो सर्दी, खांसी, जुकाम जैसे लक्षणों में काम करते हैं। फूलों से बनफशा एक बहुत सुगंधित पौधा है। Viola odorata वैज्ञानिक नाम है। यह पौधा प्रायः भारत, दक्षिण एशिया, यूरोप व उत्तरी अमेरिका में मिलता है। इसके छोटे हरे पत्ते हैं। जबकि इसके फूल नीले या लवंगी होते हैं।
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आयुर्वेदिक चिकित्सा में बनफशा के पत्ते, फूल और गुच्छों का उपयोग किया जाता है। यह विशेष रूप से मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए प्रसिद्ध है। यह सांस की समस्याओं के लिए भी लाभदायत है और श्वसन तंत्र को भी सुधार सकता है। यह अपच व आंत्र समस्याओं में फायदेमंद हो सकता है।
जुकाम के साथ-साथ साइनस संक्रमण: बनफशा का पानी जुकाम व साइनस संक्रमण को दूर करता है। इससे संक्रमण व जुकाम के लक्षण कम हो सकते हैं।
सामयिक गुण: बनफशा को उसके शांतिदायक गुणों की वजह से भी सराहा जाता है। इससे चिंता, अनियमित नींद की बिमारी व मानसिक स्टरैस कम होता है।
त्वचा के मुद्दों का समाधान: बनफशा का तेल त्वचा की केयर के लिए भी उपयोग किया जाता है। यह त्वचा को मुलायम व चमकदार बनाने में भी मदद कर सकता है और छाले, खुजली, दाग-धब्बे और अन्य त्वचा समस्याओं को कम कर सकता है। बीमारियों को दूर करने के लिए बनफशा का कितनी मात्रा में उपयोग होता है? डॉक्टर ही इसकी जानकारी दे सकते हैं। दवाई बनाने वाली कई कंपनियां बनफशा का इस्तेमाल करती हैं, डॉक्टर संदीप बताते हैं। यह बहुत महंगा है।
वास्तव में, बनफशा मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और दक्षिण एशिया में पाया जाता है। लेकिन इसके कुछ प्रकार भारत में भी हैं। बनफशा प्राकृतिक रूप से हिमाचल प्रदेश और कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। कुल मिलाकर, बनफशा के पौधे बहुत गर्म नहीं हो सकते। इसके लिए ठंडा तापमान सबसे अच्छा है।