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इस दिशा में बैठकर करें पढ़ाई, कोई भी Exam हो जाएगा Clear

स्टडी रूम में वास्तु शास्त्र के अनुसार चीजें चुनना बच्चों के लिए फायदेमंद होगा। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से स्टडी रूम की जानकारी लेते हैं।

 
इस दिशा में बैठकर करें पढ़ाई, कोई भी Exam हो जाएगा Clear 

आज हम वास्तुशास्त्र से जुड़े कुछ अतिरिक्त मुद्दों पर चर्चा करेंगे। वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्टडी रूम में किताबों की अलमारी और बच्चे के पढ़ते वक्त बैठने की सही दिशा भी महत्वपूर्ण है। किताबों को स्टडी रूम में पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। अगर पश्चिम में बहुत अधिक जगह नहीं है, तो पश्चिम से दक्षिण की ओर वाली दीवार के पास रख सकते हैं। शिक्षा देते समय बच्चे का मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए। अगर पूर्व दिशा में कोई व्यवस्था नहीं है, तो आप उत्तर-पूर्व दिशा की ओर देखकर पढ़ सकते हैं। इससे बच्चे आसानी से चीजें समझते हैं।

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बच्चों के कमरे के रंग का चुनाव: वास्तुशास्त्र के अनुसार, बच्चों के कमरे के रंग का चुनाव भी उतना ही महत्वपूर्ण होना चाहिए जितना कि बाकी सामान का चुनाव। बच्चों के कमरे में हल्का पीला, हल्का गुलाबी या हल्का हरा रंग लगाना वास्तु के अनुकूल होगा।  विद्या पीला रंग है और बुद्धि हरा रंग है। स्टडी रूम में इन रंगों का चुनाव करने से बच्चे की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है, उसका विवेक मजबूत होता है और उसका स्मरण शक्ति अच्छी होती है।

पुस्तकालय में इस तरह के पोस्टर लगाएं वास्तु शास्त्र के अनुसार, बच्चों के पुस्तकालय में कुछ सुंदर चित्र भी लगाने चाहिए। स्टडी रूम में बच्चों की पढ़ाई से जुड़े पॉजिटिव थॉट्स, चार्ट्स, सफल लोगों, सूरज की उगती हुई रोशनी, दौड़ते हुए घोड़ों, पेड़-पौधों या चहचहाते पक्षियों की तस्वीरें लगानी चाहिए। 
 

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