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Law: क्या आप भी जाना चाहते है कानून क्या होता है, ओर इसके कितने प्रकार है? तो आसान भाषा मे समझे आखिर कानून है क्या

Law Defination: कानून प्रकृति मे अशपष्ट प्रेम की भांति है। दोनों मे ही मानवीय भावनाओं को नियंत्रिण मे रखने की शक्ति है। कानून भी प्यार जितना ही जटिल है। कानून और समुद्र के बीच एक सादृश्य खींचा जा सकता है।
 
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Law Defnation: कानून क्या है?
कानून का सभी के जीवन मे अलग महत्व है। केवल एक शब्द कानून को परिभाषित नही किया जा सकता। ऐसा कोई एक शब्द नहीं हो सकता जो कानून के समान हो। कानून को समझने के लिए कोई सादृश्य (एनालॉजी) बना सकता है। कानून को एक की तरह माना गया है।

जिससे लोगो को आपना जीवन शांतिपूर्ण तरीके से जीने मे मदद मिल सके। कानून प्रकृति मे अशपष्ट प्रेम की भांति है। दोनों मे ही मानवीय भावनाओं को नियंत्रिण मे रखने की शक्ति है। कानून भी प्यार जितना ही जटिल है। कानून और समुद्र के बीच एक सादृश्य खींचा जा सकता है।

कानून और समुद्र दोनों ही विशाल हैं और जैसे समुद्र के पानी की मात्रा में एक बूंद बढ़ जाती है, वैसे ही हर निर्णय कई उदाहरणों में खुद को जोड़ता है। कानून ओर पानी दोनों के बिना जीवन संभव नही है।

कानून एक जीवन साथी की तरह है। आप जहां भी जाते हैं, यह हमारे साथ रहता है। कानून एक अदृश्य शक्ति है जो हर इंसान को नियंत्रित करती है। कानून हमें जीवन और जल की तरह जोड़ता है। ये सभी कथन यह विचार देते हैं कि कानून सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) है।

सैल्मंड ने कानून की परिभाषा दी है, कि “कानून को न्याय के प्रशासन में राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त और लागू सिद्धांतों के समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है”।

वेसे तो सैल्मंड ने कानुन को परिभाषित नही किया, फिर भी उनकी परिभाषा सबसे व्यावहारिक परिभाषा मानी जाती है। 

कानून कितने प्रकार के होते हैं?

विभिन्न विद्वानों ने कानूनों का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार से किया है, कुछ विद्वान ने निजी सार्वजनिक विशेषताओं के आधार पर, तो कुछ अन्य विद्वानों ने राष्ट्रीयता एवं अन्तर्राष्ट्रीयता के आधार पर किया हैं,
कानूनों को मुख्य रूप से 8 भागो में बांटा गया हैं जो निचे दिए गए हैं।

व्यक्तिगत कानून ( Private Laws ) - 
ये कानून व्यक्तियों के आपस के सम्बन्धों को निश्चित करते हैं जैसे, ऋण सम्बन्धी कानून और जायदाद खरीदने व बेचने के कानून इसी में आते हैं। 

सार्वजनिक कानून ( Public Laws ) - 
इन कानूनों द्वारा व्यक्ति का सरकार या राज्य के साथ सम्बन्ध निश्चित किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, कर लगाने , चोरी, डकैती और हत्या करने वालों को सजा देने के लिए जो कानून बनाए जाते है, इन्हें इसी सूची में शामिल किया जाता है। 

संवैधानिक कानून ( Constitutional Laws ) - 
संवैधानिक कानून उस कानून को कहते हैं जिसके द्वारा सरकार का ढांचा निश्चित किया जाता है और जिसके द्वारा राज्य के सभी नागरिकों के अधिकारों तथा कर्तव्यों का विश्लेषण किया जाता है। उदाहरणस्वरूप,  भारत में राष्ट्रपति का निर्वाचन, सर्वोच्च न्यायालय का गठन और शक्तियां तथा राज्यपाल की नियुक्ति से सम्बन्धित कानून संवैधानिक कानून इस श्रेणी मे आते है। 

साधारण कानून ( Ordinary Laws ) - 
नागरिकों के दैनिक जीवन एवं आचरण को नियमित करने वाले कानूनों को सामान्य कानून कहते हैं वे व्यवस्थापिका द्वारा नियमित होते या रीति - रिवाजों और परम्पराओं पर आधारित होते हैं। लचीले संविधान में तो सामान्य कानून और संवैधानिक कानून के निर्माण की एक ही प्रक्रिया होती है, किन्तु कठोर संविधान में संवैधानिक कानून के निर्माण , परिवर्तन या संशोधन की प्रक्रिया सामान्य कानून से अलग ओर विशेष प्रकार की होती है । 

प्रशासकीय कानून ( Administrative Laws ) -
किसी - किसी देश में साधारण नागरिकों से अलग सरकारी कर्मचारियों के लिए कुछ विशेष कानून होते हैं। इन कानूनों को प्रशासकीय कानून कहते ' ये वे नियम है जो राज्य के सभी के अधिकारों तथा कर्तव्यों को निश्चित करते हैं। ' फ्रांस प्रशासकीय कानून का सर्वोत्तम उदाहरण है। 

सामान्य कानून ( Common Laws ) - 
ये देश में प्रचलित रीति - रिवाज और परम्पराओं का विकसित रूप होते हैं और न्यायालय इन्हें मान्यता देकर कानून का रूप प्रदान करते है। इंगलैण्ड में कानून के विकास में रीति - रिवाजों ने अहम भूमिका निभाई।  इस वजह से ' कॉमन लॉ' बहुत प्रचलित है। 

अध्यादेश ( Ordinance ) - 
किसी विशेष परिस्थिति का सामना करने के लिए अथवा किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए, कार्यपालिका एक निश्चित अवधि के लिए जो आदेश जारी करती है, उसे अध्यादेश कहते हैं। अध्यादेश जारी करने का अधिकार भारत के राष्ट्रपति के पास होता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय कानून ( International Laws ) - 
कानून के सभी प्रकर राष्ट्रिय कानून के उदाहरण थे, लेकिन इनके अलावा भी एक कानून ओर होता है। विश्व के स्वतन्त्र राष्ट्रों के आपस के सम्बन्ध को नियमित करने वाले कानूनों को अन्तर्राष्ट्रीय कानून कहते हैं।

ओपनहेम के अनुसार, "अन्तर्राष्ट्रीय विधि प्रयासों और परम्पराओं का वह समूह है जो सभ्य राज्यों द्वारा अपने आपसी सम्बन्ध में कानूनी तौर पर बाध्य समझा जाता है।" 

अभी तक अन्तर्राष्ट्रीय कानून को ,राष्ट्रीय कानून की तरह, बाध्यकारी शक्ति प्राप्त नहीं हुई है और इनके पीछे सबसे बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय लोकमत की है।