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एग्जाम में चीटिंग करने पर उठाया सख़्त कदम, होगी 10 साल की जेल

Anti Cheating Law : इस बिल का उद्देश्य चुनावों में चीटिंग और मैलप्रेक्टिस को रोकना है और बेईमान उम्मीदवारों पर कड़े दंड लगाना है।
 
एग्जाम में चीटिंग करने पर उठाया सख़्त कदम, होगी 10 साल की जेल

Haryana Update, Anti Cheating Law : 2024 का पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल चीटिंग और मैलप्रेक्टिस को रोकना और बेइमान उम्मीदवारों को कड़े दंड लगाना चाहता है।

Anti Cheating Law : सरकार ने कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं को निष्पक्ष बनाने के लिए बहुत कुछ किया है। इस क्रम में, शुक्रवार को संसद ने परीक्षा में मैलप्रेक्टिस और चीटिंग के लिए सख्त दंड लगाने वाला एक बिल पारित किया। पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल, 2024, धोखाधड़ी या किसी भी प्रकार की अनियमितता में सहायता करने के दोषी पाए जाने पर 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक के भारी जुर्माने की अनुमति देता है। 6 फरवरी को लोकसभा की मंजूरी के बाद आज राज्यसभा में भी यह बिल वॉइस वोट से पारित हुआ। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रस्तावित संशोधनों को खारिज कर दिया।

यह नया बिल परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश देता है, जिसका उद्देश्य निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना है और महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर देना है।

इसके अलावा, बिल एक राष्ट्रीय तकनीकी समिति की स्थापना का सुझाव देता है जो सीबीटी मोड में आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की सुरक्षा बढ़ाता है। इस संबंध में सलाह देना इस समिति की जिम्मेदारी होगी।

2024 के पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल की मुख्य विशेषताएं हैं:

कठोर सजा : बिल में धोखाधड़ी या धोखाधड़ी में सहायता करने के दोषी पाए जाने वालों को 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक की सजा सुनाई गई है।

संगठित धोखाधड़ी का लक्ष्य : यह बिल विशेष रूप से संगठित धोखाधड़ी (जैसे आंसर शीट छेड़छाड़ या प्रश्न पत्र लीक) में शामिल व्यक्तियों और संस्थानों को टारगेट करता है।

मेरिटोक्रेसी को बचाता है : यह बिल योग्यता-आधारित चयन को कमजोर करता है, जो सभी उम्मीदवारों को समान अवसर देता है।

बिल के वर्तमान हालात:
पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) बिल, जो 2024 में राज्यसभा और लोकसभा दोनों से पारित हो चुका है, अभी राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत है।
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