देवरॉय ने कहा भारत मे ज्यादा न्यू सिटी नही देखने को मिलेगी
उन्होने कहा भारत में नही बन पाएगी सिटी, सरकार का ध्यान पहले से बने शहरों के विकास पर ज्यादा।
Haryana Update: उन्होने कहा की मुझे लगता है कि वह विशेष मामला होगा जबकि भारत पूरी तरह निजी तौर पर funded city देखेगा। यह होना संभव नहीं है। न ही ऐसा होगा, क्योकि पूरी तरह न्यू सिटी देखने को मिलेंगी। कुछ होगा, पर बहुत हद तक हम पुराने शहरों को ही आगे बढ़ते ही देखेंगे।
उनका मानना है कि साल 2001 से 2011 के दौरान शहरी क्षैत्र भौतिक विस्तार में आधी वृद्धि पुराने शहरों में हुई है, जिससे अपनी तरह के संचालन की समस्या पैदा हुई है।
भारत में शहरी क्षैत्र के कुछ अव्यवस्थित रहा है। इसकी योजना अछे तरीके से नहीं बनाई गई। जब हम शहरी क्षैत्र की प्रकृति, संसाधनों के कम दक्ष प्रयोग की शिकायत करते हैं, तो ये मुख्य रूप से शहरी क्षैत्र के गलत प्रबंधन से समंद बात होती है।
public Private भागीदारी की बात करते हुए उन्होंने कहा, मुझे Purchasing Power Parity की अभिव्यक्ति से नफरत है। इसमें ज्यादा लोग बहुत कुछ करते हैं जब वे Purchasing Power Parity का उपयोग करते हैं। नीति आयोग public private वित्तपोषण में अछे व्यवहार के जरिए शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 21-22 जुलाई को दो दिन की कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।