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नहीं चुका पा रहे हैं Loan की EMI तो टेंशन नहीं, इन 5 तरीकों से मिलेगी राहत!

Loan EMI Tips :आज के समय में पैसों की कब जरूरत पड़ जाए, यह कोई नहीं जानता। इमरजेंसी में पैसे जुटाने के लिए लोग अक्सर बैंकों से लोन का सहारा लेते हैं। इमरजेंसी में लोन राहत दे सकता है, लेकिन लोन लेने के बाद कई बार मजबूरी के चलते व्यक्ति लोन का पैसा समय पर नहीं चुका पाता (Unable to Repay Loan EMI)। अगर आप भी ऐसी ही परेशानी में हैं तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है।

 
Loan EMI Tips
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Loan EMI Tips (Haryana Update) : लोन लेने से हमें एक तरह की आर्थिक सहायता तो मिलती है, लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कई बार व्यक्ति लोन का पैसा समय पर नहीं चुका पाता। अगर आपने भी किसी वजह से लोन (Loan Reduce EMI Tips) लिया है और आपको भी इसे चुकाने में परेशानी आ रही है तो परेशान न हों। आज हम आपको ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप आसानी से लोन के जाल से बाहर निकल सकते हैं।

1. आर्थिक स्थिति के बारे में बैंक से बात करें-
अगर आप समय पर लोन नहीं चुका पाते (EMI Financial Tips) तो बैंक न सिर्फ पेनाल्टी लगाता है बल्कि रिकवरी एजेंट भी आपको परेशान करते हैं। अगर आप EMI न चुका पाने की स्थिति में हैं तो अपनी EMI का बोझ कम करने के लिए सबसे पहले उस बैंक से बात करें, जहां से आपने लोन लिया है।अगर आपने बजाज फिनसर्व, टाटा कैपिटल, क्रेडिटबी, नवी फिनसर्व आदि किसी NBFC कंपनी से लोन लिया है तो उनके कस्टमर केयर नंबर पर बात करके अपनी स्थिति बता सकते हैं कि आपको लोन की EMI चुकाने के लिए कुछ समय चाहिए। बेहतर होगा कि आप ईमेल के जरिए अपनी समस्या बताएं ताकि आपके पास इसका सबूत हो।

2. बची हुई रकम का पुनर्गठन -
अगर आपने EMI की कुछ रकम चुका दी है और अब आप कुछ समय तक EMI (समान मासिक किस्त) नहीं चुका पाएंगे तो आप बैंक से बात करके लोन की बची हुई रकम का पुनर्गठन करवा सकते हैं। पुनर्गठन से लोन की EMI कम हो जाती है, लेकिन लोन चुकाने की समय सीमा बढ़ जाती है।अगर आप बची हुई लोन रकम का पुनर्गठन करते हैं तो इससे बैंक को भी फायदा होता है। इससे बैंकों को फायदा होता है क्योंकि उन्हें पहले से ज्यादा पैसे मिलते हैं। इसकी वजह से बैंक पुनर्गठन से मना भी नहीं करते।

3. पेनाल्टी हटाने के लिए बैंक से बात करें-
अगर आप लोन देर से चुकाते हैं तो आप पर जुर्माना लगाया जाता है। वहीं अगर लोन की EMI चुकाने में 2-3 महीने से ज्यादा का समय बचा है तो आपको भारी भरकम पेनाल्टी देनी पड़ सकती है। अगर आप इस समय में फंड जुटा लेते हैं तो आप बैंक से इस बारे में बात कर पेनाल्टी हटवा सकते हैं (Unpay Emi remove painal)। कई बैंक ग्राहकों की आर्थिक स्थिति को जानते हुए बैंक से यह पेनाल्टी भी हटा देते हैं।

4. बैलेंस को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करें-
लोन चुकाने के लिए आप दूसरे बैंक से लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं (Loan Reduce EMI Tips)। कई बैंक ऐसे हैं जो ग्राहक को उनका लोन चुकाने के बाद नया लोन देते हैं। हालांकि आमतौर पर लोन की रकम पिछले लोन से थोड़ी ज्यादा होती है (Loan EMI Tips)। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपका लोन बैलेंस 3 लाख रुपये है तो हो सकता है कि जिस दूसरे बैंक से आप लोन ले रहे हैं वो आपको 5 लाख रुपये का लोन दे दे। पिछली बैंक की बची हुई रकम का डिमांड ड्राफ्ट दिया जाता है और बची हुई रकम सीधे खाते में जमा हो जाती है, लेकिन ऐसा करने से लोन की EMI बढ़ जाती है।

5. लोन के लिए सेटलमेंट करवाएं-
अगर आपकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है और आप लोन पूरी तरह से नहीं चुका पा रहे हैं। तो आप बैंक से बात करके लोन का सेटलमेंट करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया ग्राहकों के लिए बहुत फायदेमंद है। इस प्रक्रिया में बैंक लोन की पूरी बची हुई रकम नहीं लेता बल्कि बची हुई रकम का कुछ हिस्सा लेकर लोन बंद कर देता है। बची हुई रकम लोन लेने वाले और बैंक के बीच बातचीत पर भी निर्भर करेगी। कई बार ऐसा भी होता है कि बची हुई रकम के सिर्फ 15 फीसदी में भी लोन सेटल हो जाता है, लेकिन सेटलमेंट से आपके सिबिल स्कोर पर असर पड़ता है।

अगर एजेंट आपको परेशान करता है तो शिकायत दर्ज कराएं-
अगर आप समय पर लोन नहीं चुकाते हैं तो कई बार रिकवरी एजेंट आपको कॉल करके परेशान करता है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है और लोन न चुका पाने की वजह से रिकवरी एजेंट (Recovery Agent kon hote hai) आपको परेशान कर रहा है तो आप इसकी शिकायत पुलिस में कर सकते हैं. नियमों (Unpay Loan Rules) के मुताबिक कोई भी बैंक या रिकवरी एजेंट सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक ही आपके घर/ऑफिस में कॉल या आ सकता है. हालांकि, इसके लिए कोई भी लोन एजेंट धमकी नहीं दे सकता. अगर कोई बैंक एजेंट ऐसा करता है तो ग्राहक इसकी शिकायत बैंक या पुलिस में कर सकता है.