Wheat Price Hike : गेहूं की कीमतें बढ़ीं, MSP से ऊपर बढ़े गेहूं के दाम, बाजार में बंपर रेट

सरकारी खरीद का काम अभी भी जारी है, लेकिन गेहूं की आवक में कमी आने के कारण खरीदी पर असर पड़ा है। इसके बावजूद बाजार में गेहूं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही, किसानों को गेहूं पर मिलने वाला बोनस भी फायदा पहुंचा रहा है, जिससे किसान इस समय उत्साहित नजर आ रहे हैं।
सोने के दामों में बड़ी गिरावट, जानें अब 10 ग्राम सोना कितना होगा
जबकि गेहूं के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं सोने के दामों में हाल ही में भारी गिरावट देखने को मिली है। सोना करीब 3896 रुपये प्रति दस ग्राम सस्ता हो गया है। बाजार में यह गिरावट दो महीने बाद आई है। आगे आने वाले समय में 10 ग्राम सोने का रेट किस स्तर पर रहेगा, इस पर विशेषज्ञों की नजर है। सोने के दामों में यह उतार-चढ़ाव आमतौर पर निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
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मंडियों में गेहूं के रेट 3150 रुपये तक पहुंचे
मंडी में गेहूं की आवक कम होने से गेहूं के दामों में जबरदस्त तेजी आई है। कुछ राज्यों की मंडियों में गेहूं का भाव अब 3150 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। हालांकि कई राज्यों में गेहूं का दाम अभी भी MSP के आसपास ही बना हुआ है।
मंडी में आवक घटने की वजह से व्यापारी सीधे किसानों से खरीदारी कर रहे हैं, जो दाम बढ़ने का बड़ा कारण बन रहा है। किसान अब अपने गेहूं को ज्यादा स्टॉक करने लगे हैं, जिससे बाजार में उपलब्ध गेहूं की मात्रा कम हो रही है।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में गेहूं के दाम
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के भाव काफी मजबूत बने हुए हैं। इन राज्यों में कई मंडियों में गेहूं का भाव 2620 रुपये से लेकर 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक देखा जा रहा है।
राजस्थान में भी गेहूं का औसत भाव लगभग 2600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। इन राज्यों की सरकारें किसानों को गेहूं की बिक्री पर बोनस भी दे रही हैं, जो किसानों के लिए एक अतिरिक्त फायदा है। इस बोनस की वजह से किसानों को अपनी फसल बेचने में प्रोत्साहन मिल रहा है।
दामों में वृद्धि के पीछे की वजहें
गेहूं के दामों में तेजी के पीछे कई कारण काम कर रहे हैं। सबसे बड़ा कारण है सरकारी खरीद का लक्ष्य लगभग पूरा होना। केंद्र और राज्य सरकारों ने अपने गेहूं की खरीद के लक्ष्य को काफी हद तक पूरा कर लिया है।
इसके चलते सरकारी खरीद अब धीमी हो गई है और आवक मंडियों में कम होने लगी है। जब मंडियों में गेहूं की आवक कम होगी तो मांग बढ़ेगी, जिससे दाम ऊपर जाएंगे। साथ ही, व्यापारी किसानों से सीधे खरीदारी कर रहे हैं, जिससे दाम और बढ़ रहे हैं।
किसान भी अपने गेहूं को ज्यादा बेचने के बजाय स्टॉक कर रहे हैं ताकि दाम और बढ़ने पर वे ज्यादा मुनाफा कमा सकें। यही वजह है कि इस वक्त बाजार में गेहूं के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं।
आगे क्या हो सकता है?
मौजूदा स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में गेहूं के दामों में और बढ़ोतरी हो सकती है। खासकर तब जब गर्मी और मानसून के बीच बाजार की स्थिति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
सरकार की खरीद नीति, मौसम की स्थिति, और घरेलू-विदेशी मांग जैसे कई फैक्टर दामों को प्रभावित कर सकते हैं। किसानों के लिए यह समय लाभकारी हो सकता है क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद पर बेहतर कीमत मिल रही है।
लेकिन उपभोक्ताओं को भी तैयार रहना होगा क्योंकि बढ़ती गेहूं की कीमतें आटा और अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों को भी प्रभावित कर सकती हैं।
किसान बोनस से हो रहा फायदा
राज्यों द्वारा किसानों को दिए जा रहे बोनस ने भी किसानों की कमर मजबूत की है। कई राज्यों में गेहूं पर बोनस देने की योजना जारी है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय मिल रही है।
यह बोनस किसान को अपने उत्पादन को बेहतर तरीके से बेचने और आर्थिक रूप से मजबूती हासिल करने में मदद कर रहा है। इस वजह से किसान अपनी फसल को स्टॉक करने के बजाय मंडियों में बेचने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
मंडी की स्थिति और खरीदी का हाल
मंडी में गेहूं की आवक कम हो रही है, जो दामों को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है। साथ ही, सरकारी खरीद के लक्ष्य पूरा होने के बाद सरकार की तरफ से भी खरीद कम हो रही है।
इससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता घट रही है और दाम बढ़ रहे हैं। व्यापारियों का रुझान सीधे किसानों से खरीदारी की ओर बढ़ गया है, जिससे किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं।
समग्र स्थिति का प्रभाव
देश में गेहूं की कीमतों में आई यह तेजी किसानों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि उन्हें अपनी फसल का अच्छा रेट मिल रहा है। दूसरी तरफ, उपभोक्ताओं के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि गेहूं से बने खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं।
सरकार को इस स्थिति पर ध्यान देना होगा ताकि जरूरतमंदों को गेहूं उचित मूल्य पर मिल सके। साथ ही किसानों को भी उचित मूल्य मिलना जरूरी है ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को जारी रख सकें।