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Wheat Price Hike : गेहूं के दामो में तेजी, आम जनता को कब मिलेगी राहत ?

Wheat Price Hike : यह खबर आपके लिए बहुत काम की होने वाली है गेहूं के दामों में तेजी आ गई है जिससे आम जनता को बहुत मुश्किल हो रही है आज हम आपके लिए लेकर आए हैं खास खबर गेहूं के दाम क्या चल रहे हैं और गेहूं के दाम कब कम होंगे जानिए पूरी डिटेल

 
Wheat Price Hike : गेहूं के दामो में तेजी, आम जनता को कब मिलेगी राहत ?
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Haryana Update : Gehun के दाम अब हर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में तो Gehun के दामों में ताबड़तोड़ बढ़ौतरी हुई है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इनकी रोकथाम के लिए Sarkar की ओर से किए जा रहे प्रयास भी नाकाम हो रहे हैं।


देशभर में Gehun के Rate इसके MSP से ऊपर चल रहे हैं तथा अभी इनमें गिरावट की संभावना भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। पिछले दो माह यानी नवंबर-दिसंबर से Gehun के Rate में जारी तेजी ने अब और गति पकड़ ली है।

 
Wheat rate today


Gehun के Rate अधिकतर राज्यों में 3000 रुपये प्रति Quintal के आसपास हैं। Gehun का MSP 2275 रुपये प्रति Quintal तय किया गया है। इस हिसाब से देखें तो Gehun के दामों में MSP से 700-800 रुपये तक की ज्यादा तेजी है, जो 21 फीसदी है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार 13 जनवरी तक मंडियों में Gehun का Rate 2910 रुपये प्रति Quintal था।  यह MSP 2275 रुपये से 21 फीसदी अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर Gehun का Rate इतना अधिक होना चिंताजनक है। एक सप्ताह में ही Gehun के Rate में प्रति Quintal पर 100 रुपये की तेजी आई है। पिछले सप्ताह 2810 के करीब Gehun के Rate चल रहे थे।

MSP में बढ़ोत्तरी होने का यह पड़ा असर

Sarkar की ओर से इस सीजन के लिए Gehun का MSP 2425 रुपये प्रति Quintal घोषित किया गया है। इससे पहले यह 2275 रुपये प्रति Quintal था। MSP में 150 रुपये की एक Quintal की बढ़ोतरी करना किसानों के लिए फायदेमंद है, इसलिए इसका असर Gehun की पैदावार पर भी पड़ा है। इस बार Gehun के रकबे में बढ़ोतरी बताई जा रही है। 

इस कारण बंपर उत्पादन होने की संभावना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछली बार Gehun बिजाई का औसत व सामान्य एरिया 312 लाख हेक्टेयर के करीब रहा है। इस साल  अब तक देश में 320 लाख हेक्टेयर में Gehun की बुवाई हो चुकी है, यानी इस बार 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अधिक गेंहू बोया गया है।

Sarkar और व्यापारियों के दावे

एक तरफ Sarkar यह दावा कर रही है कि Gehun का बंपर स्टॉक मौजूद है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि ये दावे खाेखले हैं। Sarkar के जरूरत से ज्यादा Gehun का बफर स्टॉक होने की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। अगर ऐसा होता तो Gehun के Rate आसमान पर न जाते। आंकड़ों के अनुसार 2023-2024 के रबी सीजन में बुवाई के बाद Gehun का उत्पादन 1130 लाख मीट्र‍िक टन से ज्यादा था। 


पिछले साल 30 नवंबर तक Sarkar के बफर स्टॉक में Gehun ज्यादा था, जो करीब 205 लाख मीट्र‍िक टन था। इसके अलावा केंद्र Sarkar ने मई 2022 से Gehun को निर्यात करने पर बैन भी लगा दिया था, इसके बाद भी Gehun की कीमतों में गिरावट नहीं आई। Gehun का स्टॉक बनाए रखने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए Sarkar को कुछ और कदम उठाने होंगे। इस समय Rate इतने हाई होना चिंता की बात है।

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Gehun के दाम बढ़ने के कारण

Gehun के लगातार बढ़ते कारणों में सबसे अहम यह है कि अब Gehun का सीजन ऑफ है। ऐसा आमतौर पर हर बार होता है कि ऑफ सीजन में हर चीज की तरह Gehun के Rate भी बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि हर साल दिसंबर और जनवरी में Gehun के Rate हाई चले जाते हैं। जब मार्च व अप्रैल में मंडियों में नया Gehun आता है तो ही Rate कम होने की उम्मीद होती है। 


यही हालात इस बार भी बनने की संभावना है। मार्च से पहले Gehun के दामों में कमी आने के आसार नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसानों ने काफी Gehun को स्टॉक किया हुआ है। जब तक यह बाजार में नहीं आएगा, तब तक Gehun के Rate डाउन होने के आसार नहीं हैं। किसान भी नहीं चाहते कि वे स्टॉक Gehun को अब बेचें, क्योंकि अगली फसल का समय आने वाला है और Rate अधिक हुए तो उन्हें काफी लाभ हो सकता है। 

इतने सप्ताह और जारी रहेगी Rate में तेजी-

Gehun के Rate अभी दो-तीन माह तक कम होने के आसार नहीं हैं। इस समय Gehun के Rate बढ़ने से आटे के अलावा बिस्किट, ब्रेड समेत दूसरी खाद्य वस्तुएं भी महंगी हो गई हैं। एफसीआई (FCI) के सरकारी गोदामों से भी इस बार Gehun देरी से बेचा गया। इससे बाजार में Gehun की आपूर्ति और मांग में असंतुलन बन गया।  बता दें कि FCI केंद्र के लिए Gehun का स्टॉक और वितरण करने वाली नोडल एजेंसी है।

Gehun के Rate पर लगाम लगाने के प्रयास नाकाफी-

Gehun के Rate नियंत्रित करने के लिए केंद्र की ओर से एफसीआई के जरिए 25 लाख मीट्रिक टन Gehun की आपूर्ति ई-नीलामी के जरिए बाजारों में शुरू जरूर की गई, लेकिन इसकी प्रक्रिया धीमी होने की वजह से कोई खास राहत लोगों को Gehun के Rate व आपूर्ति से मिली नहीं है। 


यहां पर यह भी बता दें कि ब्रेड व बिस्किट बनाने वाली कंपनियों ने Gehun की बंपर खरीद कर ली, इसलिए ट्रेडर्स के पास Gehun का ज्यादा स्टॉक नहीं बचा. हालांकि Sarkar ने Gehun को स्टॉक (gehu stock limit) करने की लिमिट घटाई है पर इससे पहले ही मांग और आपूर्ति का आंकड़ा गड़बड़ा गया है।