Vadraj Cement Deal: इस एक शख्स ने लगाया, 28 बैंकों को 23000 करोड़ रुपये का चूना, जानिए कैसे
Vadraj Cement Deal: आपको बता दें, की सब्सिडी योजना पांच साल चलने के बाद 14 अगस्त 2007 को समाप्त हो गई। ABG ने पहले ही योजना का लाभ उठाने के लिए कई ऑर्डर जारी किए थे। कंपनी का पतन बाद में ऑर्डर की दुर्घटना से शुरू हुआ। उनकी कंपनी ने नए शेयर बनाने के अलावा शेयर की रिपेयरिंग भी की, जानिए पूरी डिटेल।

Haryana Update: आपकी जानकारी के लिए बता दें, की मीडिया में वदराज सीमेंट की बिक्री की खबर के बाद फिर से ऋषि अग्रवाल चर्चा में हैं। एबीजी शिपयार्ड ग्रुप की कंपनी वदराज सीमेंट है, जो पहले एबीजी सीमेंट लिमिटेड कहलाता था। इस ग्रुप के पूर्व प्रमोटर ऋषि अग्रवाल हैं। ऋषि ने रात-दिन काम करके तेजी से सफलता हासिल की। लेकिन, उनकी कंपनी के कर्ज में डूबने के बाद अब वह बिक्री की कगार पर है। कभी-कभी हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। उन पर 28 बैंकों से लगभग 23000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। 2022 में भी सीबीआई ने उनको गिरफ्तार कर लिया।
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ऋषि अग्रवाल चतुर दिमाक के धनी हैं
ऋषि अग्रवाल को उनके बेहद शालीन व्यवहार और हर काम को किसी भी तरह पूरा करने की आदत से जाना जाता है। ऋषि अग्रवाल, पुर्डू यूनिवर्सिटी में फाइनेंस की पढ़ाई करने वाले 57 साल के चतुर दिमाग के धनी हैं, उनके नजदीकियों का कहना है। उनके पास देश का सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का एबीजी शिपयार्ड था। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कामयाबी के लिए शॉर्टकट अपनाने का जुनून उन पर हावी हो गया।
कहानी 1985 से शुरू हुई
1985 में, अग्रवाल ने गुजरात के मगडाला शिपयार्ड में एक छोटी जहाज निर्माण फैक्ट्री खरीदी, जिससे उनकी सफलता की असली कहानी शुरू हुई। 1990 से 2000 तक, उनकी फर्म ने 165 से अधिक जहाज बनाए। इनमें से अधिकांश यूरोपीय और एशियाई ग्राहक थे। 2000 में, सरकार ने एबीजी को कोस्ट गार्ड के लिए दो इनसेप्टर बोट बनाने का पहला आदेश दिया। 2011 में उन्हें भारतीय रक्षा सेक्टर में सबमरीन सहित जहाज बनाने का लाइसेंस मिला। 2012 में एबीजी ने 16,000 करोड़ रुपये की ऑर्डर के साथ देश का सर्वश्रेष्ठ जहाज निर्माता बन गया। यह उनका सबसे अच्छा साल था।
सरकारी स्कीम से मिलने वाले लाभ
बाद में वैश्विक मंदी हुई, जिससे कुकी खराब होने लगी। बहुत से ग्राहक ने अपने ऑर्डर को रद्द कर दिया। 2006-07 में ग्लोबल शिपिंग में आए बूम और सरकार की सब्सिडी स्कीम के कारण एबीजी कई ऑर्डर लेने में सफल हुई। सब्सिडी योजना पांच साल चलने के बाद 14 अगस्त 2007 को समाप्त हो गई। ABG ने पहले ही योजना का लाभ उठाने के लिए कई ऑर्डर जारी किए थे। कंपनी का पतन बाद में ऑर्डर की दुर्घटना से शुरू हुआ। उनकी कंपनी ने नए शेयर बनाने के अलावा शेयर की रिपेयरिंग भी की।
सीबीआई ने बताया कि अग्रवाल ने एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक सहित 28 बैंकों के कंसोर्टियम से संबंधित संस्थाओं में संपत्ति खरीदने और ऋण देना शुरू कर दिया। Ernst & Young (EY) भी इसकी पुष्टि की। बैंकों से लिए गए कर्ज का भुगतान नहीं करने से उनकी कंपनी मुसीबत में फंस गई। हाल ही में सीबीआई ने उन पर देश का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड का मामला दर्ज किया है।
बैंक पर कितना बकाया है
भारतीय स्टेट बैंक—2,925 करोड़
आईसीआईसीआई बैंक ने 7,089 करोड़ रुपये का भुगतान किया
IDBI बैंक—3,634 करोड़ रुपये
बड़ौदा बैंक—1,614 करोड़ रुपये
पंजाब नेशनल बैंक—1,244 करोड़
Indian Oversea Bank—1,228 करोड़ रुपये
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