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Railway: 105 किलोमीटर सुरंग में दौड़ेंगी ट्रेन, 11 नए बनेगे स्टेशन, इन 5 जिलों को होगा फायदा

Rishikesh Karnaprayag Railway Line : भारतीय रेल पहाड़ों के ऊपर, सुरंगों में और भूमिगत इलाकों में पहुंच रही है। कश्मीर को रेलवे लाइन से जोड़ने के बाद अब इन इलाकों को नई ब्रॉड गेज रेल लाइन से जोड़ा जा रहा है। यह पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाएगा। यह परियोजना चारधाम यात्रियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी। इसकी खासियत लंबी सुरंगें और आसान यात्रा होगी।

 
Rishikesh Karnaprayag Railway Line
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Rishikesh-Karnaprayag Rail Line Project (Haryana Update) : उत्तराखंड में इस समय राज्य की सबसे बड़ी रेल परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर काम चल रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल मार्ग का जिक्र कभी कागजों पर था, जो अब हकीकत में तब्दील होता दिख रहा है। इस परियोजना के पूरा होते ही उत्तराखंड के पहाड़ों में भी विकास की 'ट्रेन' रफ्तार पकड़ लेगी। इस परियोजना के तहत भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड में देश की सबसे लंबी सुरंग बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया है। इतना ही नहीं, इस रेलवे ट्रैक पर सबसे लंबी सुरंगें बनाई जाएंगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक इस रेलवे लाइन के पूरा होने के बाद चारधाम की यात्रा करने वालों को काफी सुविधा मिलेगी।

समय और पैसे दोनों की होगी बचत-
भारतीय रेलवे उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना पर काम कर रहा है। इस रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 125.20 किलोमीटर है, जिसमें से 105 किलोमीटर ट्रैक सुरंगों से होकर गुजरेगा फिलहाल ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक सड़क मार्ग से जाने में करीब 7 घंटे का समय लगता है। जाहिर है कि इस रेलवे ट्रैक के बनने से समय और पैसे दोनों की बचत होगी।

17 सुरंगें और 35 पुल बनेंगे-
भारतीय रेलवे का यह प्रोजेक्ट बेहद खास है, क्योंकि इस 125 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर कुल 17 सुरंगें बनाई जाएंगी। सबसे अहम भूमिका इन सुरंगों की होगी, जो इस ट्रैक के 12 स्टेशनों से होकर गुजरेंगी। इतना ही नहीं, रेलवे को पहाड़ी रास्तों को पार करने के लिए 35 पुल भी बनाने होंगे। इस ट्रैक पर बनने वाली सबसे लंबी सुरंग 15.1 किलोमीटर की होगी, जो देवप्रयास और लछमोली के बीच बनाई जा रही है। सुरंग निर्माण में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।

213 किलोमीटर तक होगा निर्माण-
मंत्रालय ने हाल ही में ट्वीट कर बताया कि इस प्रोजेक्ट पर सुरंग और स्टेशन दोनों का निर्माण तेजी से चल रहा है। कुल 213 किलोमीटर सुरंग बनाई जानी है, जिसमें से 176 किलोमीटर सुरंग का निर्माण पूरा हो चुका है। इसके अलावा 11 स्टेशन बनाने का काम भी जोरों पर चल रहा है। इस रेलवे ट्रैक के बन जाने के बाद न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए देश के दूसरे हिस्सों तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

5 जिलों को होगा फायदा-
सुरंग 2 हिस्सों में बनाई जा रही है, जिसमें एक मुख्य सुरंग होगी, जिससे होकर ट्रेन गुजारी जाएगी। इसके साथ ही दूसरी सुरक्षा सुरंग बनाई जा रही है, जिसका इस्तेमाल आपात स्थिति में यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए किया जाएगा। दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए हर 500 मीटर पर एक क्रॉस रोड भी बनाया जाएगा। इसका फायदा उत्तराखंड के 5 जिलों को होगा। इससे देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के लोगों के लिए आवाजाही आसान हो जाएगी। चारधाम यात्रा करने वालों के लिए भी यह आवाजाही आसान हो जाएगी।