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हरियाणा में महंगी गाड़ियों से भी महंगी है यह भैंस, जाने क्या है इसकी कीमत,

Latest High Price Buffalo: आजकल हरियाणा में ट्रेडिंग में चल रही है मुर्रा नस्ल की भैंस जिनकी कीमत महंगी गाड़ियों से भी महंगी बताई जा रही है, डेयरी मालिकों का कहना है कि इस भैंस का दूध 23 से 26 लीटर तक जा सकता है, हाल में मीडिया सितारों से पता चला है कि इस पैसे की कीमत है 25 लाख से ज्यादा बताई जा रही है,
 
हरियाणा में महंगी गाड़ियों से भी महंगी है यह भैंस, जाने क्या है इसकी कीमत,

Haryana Update: हरियाणा में भैंस को काला सोना कहा जाता है, क्योंकि मुर्राह नस्ल की भैंस की कीमत लाखों में होती है और दूध के मामले में यह भैंस पूरे देश में नंबर वन कही जाती है।

हरियाणा के बफ़ेलो में सबसे पहले आंध्र प्रदेश के जानवरों को देखा जाता है जो उन्हें बहुत पसंद आते हैं। बफ़ेलो बिलकुल प्योर मुर्राह नस्ल की है। बफ़ेलो के सिंगोंस और लेवटी के फर्म और उसके लावगे का व्यवसाय कदाकाठी के कायल हो गए।

हरियाणा के देहरादून जिले के कलानौर ब्लॉक के गांव बल्लम गढ़ी के रहने वाले किसान राजबीर अहलावत की एक मुर्रा नस्ल (मुर्रा भैंस) की भैंस की कीमत 5 लाख रुपये है।

आंध्र प्रदेश के पशु व्यापारी दो दिन पहले ही राजबीर के यहां से इस भैंस को खरीद कर ले गए हैं। आस-पास इस भैंस की कीमत की खूब चर्चा है। यह पशु भैंस व्यवसाय कालू भाटिया और राजपाल की मार्फत बिकी है।

बताया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के इस बफ़ेलो के जंगल को पहली बार देखने पर ही पसंद आया। बफ़ेलो प्योर मुर्राह नस्ल (मुर्रा भैंस) की है। बिज़नेस बफ़ेलो के सिंग्स और लेवटी की फर्म और उसके लॉन्ग ग्रेड काठी देखने वाला हर कोई कायल हो जाता है।

राजबीर के बेटे प्रदीप ने बताया कि एक हफ्ते पहले उनकी भैंस भैंस थी और इस समय उनके पास एक लाख टन दूध है।

प्रदीप ने बताया कि यह बफ़ेलो का दूसरा भाग है। पहली बार जब बाई थी तो वह 19 लीटर तक दूध बेचने वाली थी। इस बफ़ेलो बार 23 लीटर दूध तक पहुंचेगा। बफ़ेलो की उम्र साढ़े चार साल है।

पिछले बायंट में इस बफ़ेलो ने मिल्क मापन प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार जीता था। पूरा परिवार बफ़ेलो की देखभाल टीम थी।

भैंस को हरे चारे के अलावा बिनौला, चना, खली, सरसों का तेल आदि दिया जाता था। दिन में तीन से चार बार भैंस को पानी पिलाने और नहलाने के लिए तालाब पर ले जाते थे।

3 बार घर में भी नहलाया गया। प्रदीप ने बताया कि वह बाहर की जगह पर रेत में बफ़ेलो को मिलाते थे। अंदर मैट अव्यवस्थित किया गया था।

हरियाणा में देहरादून के अलावा भैंस, भैंस, नरवाना में भी मुर्राह नस्ल ((मुर्रा भैंस)) की बड़ी भैंसें हैं और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों के पशु व्यापारी यहां भैंसों की खरीद के लिए आते हैं।

हर माह 500 से ज्यादा मुर्राह नस्ल की भैंसें हरियाणा से दूसरी गाय में जा रही हैं। विवरण के पशु व्यवसाय कालू भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि यूं तो पिछले 25 वर्षों से आंध्र प्रदेश में हरियाणा की मुर्राह नस्ल ((मुर्रा भैंस)) की भैंस पाई जाती है।

लेकिन अब आंध्रप्रदेश में मुर्राह नस्ल की भैंस की मांग बढ़ गई है।

वहां के लोग दूध के लिए और अपने शौक़ीन लोगों के लिए हरियाणा की मुर्राह नस्ल की बफ़ेलो को पसंद करते हैं।

कालू भाटिया ने बताया कि करीब 10 साल पहले साल 2013 में आंध्र प्रदेश के सिंघवाल गांव में एक भैंस को मुर्राह नस्ल की एक भैंस 25 लाख रुपये में बिकवाई थी।

 

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