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Home Loan की EMI नहीं भरने पर होगी ये 5 कारवाई!

Home loan EMI Rules : हर किसी का सपना होता है कि वह अपना घर खरीदे या बनाए। इस सपने को पूरा करने के लिए लोग अक्सर होम लोन लेते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं कि होम लोन लेने के बाद कर्जदाता उसकी EMI नहीं भर पाते। होम लोन की EMI न चुकाने के कई नुकसान हैं। आइए खबर में इन नुकसानों और उपायों के बारे में जानते हैं।
 
Home loan EMI Rules

Home loan EMI Rules (Haryana Update) : हर किसी का सपना होता है कि वह अपना घर खरीदे या बनाए। इस सपने को पूरा करने के लिए लोग अक्सर होम लोन लेते हैं। कई बार ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं कि होम लोन लेने के बाद कर्जदाता उसकी EMI नहीं भर पाते। होम लोन की EMI न चुकाने के कई नुकसान हैं। आइए खबर में इन नुकसानों और उपायों के बारे में जानते हैं। वैसे तो किसी भी तरह के लोन की EMI न चुकाना लोन लेने वाले के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन होम लोन की EMI न चुकाने से कई बड़े नुकसान होते हैं, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति तो गड़बड़ाती ही है, साथ ही आपको बैंक और कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि होम लोन की EMI न चुका पाने पर क्या किया जाए (होम लोन प्रक्रिया), ताकि हर तरह की परेशानी से बचा जा सके। आइए आपको बताते हैं इसका क्या उपाय हो सकता है।

EMI न चुकाने पर की जा सकती है ये कार्रवाई-
होम लोन की ऊंची ब्याज दरें, महंगाई और अचानक आई आर्थिक और वित्तीय समस्याओं के कारण लोन लेने वालों के लिए होम लोन की EMI चुकाना मुश्किल हो जाता है। तब कई दुष्परिणाम सामने आते हैं। जो व्यक्ति होम लोन की EMI समय पर नहीं भरता है, उसे बाद में भारी जुर्माना भरना पड़ता है, इसके साथ ही CIBIL स्कोर भी कम हो जाता है। इसके अलावा घर या प्रॉपर्टी को जब्त और नीलाम भी किया जा सकता है। इससे भी बड़ी समस्या यह है कि आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप होम लोन की EMI भरने से चूक जाते हैं, तो बैंक में जाकर अपनी स्थिति बताएं और बैंक अधिकारियों से बात करके इसका समाधान निकालें, नहीं तो आपको ये 5 बड़े नुकसान होंगे-

1. भारी जुर्माना भरना पड़ेगा-
अगर आप होम लोन की EMI भरने से चूक जाते हैं, तो लोन देने वाला बैंक या वित्तीय संस्थान लोन लेने वाले व्यक्ति से भारी जुर्माना राशि वसूलता है। बेशक, दिखने में यह कम लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, यह राशि बढ़ती जाती है। यह जुर्माना राशि होम लोन की EMI (होम लोन डिफॉल्ट होने के नुकसान) का एक हिस्सा होती है। इसलिए, समय पर EMI भरना बेहतर होता है।

2. CIBIL स्कोर खराब होगा-
जैसे ही आप होम लोन की EMI भरने से चूक जाते हैं, CIBIL स्कोर (cibil Score kaise sudhare) पर प्रतिकूल असर पड़ने लगता है। जब आप EMI नहीं भर पाते हैं तो CIBIL स्कोर बहुत खराब हो जाता है और फिर इसे ठीक होने में काफी समय लग जाता है. CIBIL स्कोर तीन अंकों में होता है जो व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को भी दर्शाता है. यह 300 से 900 तक होता है. अगर यह खराब हो जाए तो भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है. अच्छा CIBIL स्कोर (कैसे सुधारें सिबिल स्कोर) कम ब्याज दरों पर लोन पाने में मददगार होता है. 

3. घर की हो सकती है नीलामी- 
EMI न भरने का तीसरा बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि आपने जिस घर को खरीदने या बनवाने का सपना देखा था, उस पर ग्रहण लग सकता है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि अगर EMI (होम लोन EMI) नहीं चुकाई जाती है तो लोन की रकम वसूलने के लिए उस घर को जब्त या नीलाम किया जा सकता है. इस जोखिम से बचने के लिए EMI न भर पाने की स्थिति में आप तुरंत बैंक जाकर इसके समाधान के लिए दूसरे विकल्पों पर चर्चा कर सकते हैं, ताकि बैंकिंग कार्रवाई से बचने का रास्ता भी निकल सके. 

4. लोन ट्रांसफर नहीं होगा- 
कई बार होम लोन लेने वाले खास आर्थिक परिस्थितियों के चलते लोन ट्रांसफर का विकल्प भी चुनते हैं. आपको बता दें कि अगर होम लोन की EMI पहले नहीं चुकाई गई है तो आपको लोन ट्रांसफर (loan transfer kaise krayen) करवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हो सकता है कि यह ट्रांसफर हो ही न। आपको कम ब्याज दर पर होम लोन देने वाले बैंक (sasta home loan kaise milega) का विकल्प मिल सकता है, लेकिन यह देखते हुए कि आप अपने लोन की EMI पहले ही चूक चुके हैं, बैंक आवेदन को ही खारिज कर सकता है।

5. हो सकती है कानूनी कार्रवाई - 
होम लोन की EMI चूकने पर सबसे बड़ी समस्या यह आती है कि आप कानूनी पचड़े में भी पड़ सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि समय पर EMI चुकाएं और अपनी वित्तीय क्षमताओं को देखते हुए लोन लें और EMI अवधि इस तरह से तय करें कि आप समय पर उसका भुगतान कर पाएं। फिर भी अगर आप किस्त चुकाने से चूक जाते हैं तो अपने बैंक से संपर्क करें और कोई रास्ता निकालने के तरीकों के बारे में भी बात करें। बैंक आपके लोन EMI भुगतान प्लान को रीसेट करके, ब्याज दर को कम करके या EMI अवधि को बढ़ाकर कुछ राहत दे सकता है। ऐसा करके आप कानूनी कार्रवाई और लोन डिफॉल्ट जैसी कई समस्याओं से बच सकते हैं।

 

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