Fixed Deposit पर नहीं लगेगा Tax, लाखों लोगों को होगा फायदा
Income Tax on FD :भारत में आयकर वित्त मंत्रालय के अधीन आयकर विभाग द्वारा वसूला जाता है। इसके लिए अलग-अलग स्लैब हैं। वहीं, देश में लोग भारी भरकम आयकर से राहत की मांग करते रहते हैं। अब आयकर विभाग से आयकर पर बड़ी छूट मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि लोगों को एफडी पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
Haryana Update, Income Tax on FD : मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। इसे 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा। इसमें एफडी कराने वालों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आ सकती है। लोगों को इनकम टैक्स (Income Tax on fixed deposit) में बड़ी बचत होने की संभावना है। वैसे भी इस बजट (Budget 2025) से काफी राहत भरा बजट होने की उम्मीद है। इस बजट में खासकर मध्यम वर्ग के लिए कई फैसले होने की संभावना है।
एफडी पर इस तरह लगता है इनकम टैक्स-
लोग भविष्य में अपना अच्छा बैंक बैलेंस बनाए रखने के लिए निवेश के तौर पर एफडी कराते हैं। करदाताओं को फिलहाल एफडी के ब्याज (Income Tax FD Interest) पर इनकम टैक्स देना होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति किस स्लैब में आता है। एफडी के ब्याज पर लोगों से तय स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स लिया जाता है।
बैंकों ने की बड़ी मांग-
बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है। इससे पहले बैंकों की ओर से वित्त मंत्रालय से बड़ी मांग की गई है। बैंकों ने दलील दी है कि एफडी पर आयकर (एफडी इनकम टैक्स) हटा दिया जाना चाहिए। अगर वित्त मंत्रालय बैंकों के इस सुझाव को मान लेता है तो लोगों को काफी फायदा मिलेगा। एफडी में निवेश बढ़ेगा और एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के निवेशकों को सीधा फायदा मिलेगा।
बचत बढ़ाने की मांग- आज के समय में बढ़ती महंगाई के दौर में लोगों की बचत कम होती जा रही है। लोगों की बचत बढ़ाने के लिए बैंकों ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक में एफडी पर टैक्स छूट का सुझाव दिया है। बैंकों को भी होगा फायदा अगर सरकार एफडी के ब्याज पर आयकर छूट देती है तो बैंकों में एफडी कराने वालों की संख्या भी बढ़ेगी जिससे बैंकों के लिए वित्तीय संकट पैदा हो जाएगा। कुछ समय पहले बैंकों के सामने लोन बांटने के लिए फंड की समस्या खड़ी हो गई थी। अगर सरकार एफडी की ब्याज दरों पर छूट देकर लोगों को प्रोत्साहित करती है तो इसका सीधा फायदा बैंकों को भी होगा।
इन क्षेत्रों में भी दिए गए प्रमुख सुझाव-
राधिका गुप्ता (एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ और प्रबंध निदेशक) ने भी बजट से पहले वित्त मंत्री के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में पूंजी बाजार की क्षमता में सुधार और समावेशन बढ़ाने से संबंधित सुझाव दिए। उन्होंने बांड और इक्विटी शेयरों पर प्रोत्साहन देने की बात कही। बैठक में वित्त सचिव, दीपम सचिव, आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार भी मौजूद थे।
एफडी पर ऐसे आयकर का सुझाव
एफडी पर आयकर को लेकर बैंक प्रतिनिधियों ने इसे टैक्स स्लैब की बजाय लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) से जोड़ने की सलाह दी है। फिलहाल आयकर स्लैब के हिसाब से मिलने वाली आय पर टैक्स लगता है। इस वजह से लोग कम टैक्स वाले विकल्पों में निवेश करते हैं।
आधे से ज्यादा पैसा बचेगा-
अगर आपने पांच साल के लिए दस लाख की एफडी (एफडी आयकर दर) की है और आपको 8 फीसदी ब्याज मिलेगा तो आपको कुल चार लाख रुपये ब्याज के तौर पर मिलेंगे। इसमें से 40 हजार पर कोई आयकर नहीं है। बाकी 3 लाख 60 हजार पर टैक्स कटेगा। मौजूदा समय में मान लीजिए आप 30 फीसदी टैक्स स्लैब में आते हैं तो आपको 1 लाख 8000 रुपए टैक्स देना होगा। वहीं लॉन्ग टाइम कैपिटल गेन में एक बार में 12.5 फीसदी टैक्स देना होगा। मतलब आपको 45 हजार रुपए देने होंगे और करीब 63000 रुपए सीधे बचेंगे। इसमें आपका आधे से ज्यादा पैसा बच जाएगा।