Income Tax : टैक्स भरने वाले को इस गलती के लिए देना पड़ेगा 25 लाख का जुर्माना
Income Tax :आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय कई लोग कोई न कोई गलती कर देते हैं। बाद में यह गलती बहुत महंगी साबित होती है। इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय (आईटीआर नियम) कई बातों का बारीकी से ध्यान रखना पड़ता है। ऐसी ही एक गलती है जो आपको जेल पहुंचा सकती है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
Income Tax (Haryana Update) : आयकर विभाग न केवल लोगों की आय पर टैक्स की व्यवस्था करता है बल्कि टैक्स चोरी भी पकड़ता है। टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार की ओर से कई नियम भी तय किए गए हैं। आपको बता दें कि आयकर अधिनियम में टैक्स चोरी एक अपराध है और ऐसा करने पर सजा भी हो सकती है। इसलिए जब भी आप आईटीआर भरें तो अपनी आय, बचत और खर्च का सही आकलन करके आईटीआर (How to file correct ITR) दाखिल करने में गलती न करें। इस एक गलती की वजह से आपको सलाखों के पीछे भी जाना पड़ सकता है।
सीबीडीटी ने दिए ये निर्देश-
सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी खास तौर पर उन वेतनभोगी व्यक्तियों को चेतावनी दी है जो करदाता हैं कि टैक्स बचाने के लिए वे कम आय दिखाने के लिए आईटीआर में टैक्स छूट का झूठा दावा पेश न करें। गलत आयकर रिटर्न दाखिल करना कानूनी तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है। पकड़े जाने पर आयकर विभाग न केवल जुर्माना लगाएगा बल्कि कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी, जिसमें टैक्स चोरी, गलती या अपराध के हिसाब से सजा दी जा सकती है।
ऐसा करने पर मुश्किलें बढ़ेंगी-
आयकर विभाग की ओर से जारी अपडेट के अनुसार, अगर कोई वेतनभोगी कर्मचारी सीए या टैक्स सलाहकार की गलत सलाह के कारण रिटर्न भरते समय गलत क्लेम करता है तो आयकर विभाग की नजर में इसे चोरी माना जाएगा। ऐसा करने से करदाता की मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी।
करदाता समेत इन पर होगी कार्रवाई-
कर चोरी (Tax News) करने पर करदाता के खिलाफ कार्रवाई होगी। करदाता के अलावा वह सीए या टैक्स सलाहकार भी फंस जाएगा जिसने करदाता को ऐसा करने की सलाह दी होगी। इसके साथ ही विभाग अपने स्तर पर कर चोरी की जांच करेगा। इस तरह की चोरी की जांच के लिए विभाग के पास बड़ा ऑटोमेटेड सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल आईटीआर की प्रोसेसिंग में होता है। जिससे कोई भी कर्मचारी या अधिकारी इसमें हेराफेरी नहीं कर सकता।
इस विभाग द्वारा की जाती है जांच-
कर चोरी पाए जाने पर आयकर विभाग (income tax act) इसकी सूचना सरकारी विभागों या सार्वजनिक उपक्रमों को देगा। जिसके बाद संबंधित सतर्कता विभाग मामले की जांच करेगा। करदाता (Taxpayer latest update) के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और सतर्कता विभाग इसकी जानकारी विभाग को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा इस मामले में धारा 270ए के तहत जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।
25 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा-
सरकार द्वारा हाल ही में आईटी एक्ट में धारा 270ए के तहत जुर्माना लगाने का प्रावधान जोड़ा गया है। अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो करदाता की आय पर लगने वाले टैक्स का 50 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि अगर गलत दस्तावेज जमा करके गलत आय घोषित की जाती है तो यह जुर्माना 200 फीसदी तक भी बढ़ाया जा सकता है। इसमें धारा 276सी के तहत कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों में छह महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। अगर जुर्माने की राशि की बात करें तो यह 25 लाख रुपये तक हो सकती है।
इस धारा के तहत होगी कार्रवाई-
इसके अलावा सिर्फ आय के बारे में बताना ही काफी नहीं है, बल्कि आय के स्रोत (income tax new rules) के बारे में जानकारी देना भी बेहद जरूरी है। आयकर अधिनियम की धारा 271AAC (section 271AAC kya hai) के तहत इस मामले में आयकर अधिकारी द्वारा 10 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर आपकी आय कैश क्रेडिट, अघोषित निवेश, अज्ञात स्रोत से पाई जाती है तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ये बातें छिपाना भी पड़ेगा महंगा-
अगर कोई करदाता (latest update for taxpayers) निवेश की गलत रकम बताता है। इसके साथ ही अगर वह बाकी खर्चों के बारे में सही जानकारी नहीं देता है तो विभाग द्वारा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर रिटर्न की प्रोसेसिंग के दौरान पाया जाता है कि टैक्स ऑडिट नहीं हुआ तो करदाता पर जुर्माना (tax ki payment ne karne par kya hoga) लगाया जा सकता है। यह नियम सिर्फ कारोबारियों या कंपनियों के लिए है। इसके अलावा अन्य करदाताओं के लिए भी नियम लागू किया गया है।
टीडीएस रिटर्न दाखिल न करना भी पड़ेगा महंगा-
अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो भी विभाग की ओर से आप पर जुर्माना लगाया जाता है. इसके लिए कानून में 5000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. अगर विभाग को पता चलता है कि एक साल के भीतर टीडीएस रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है तो भी उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है जो 10 हजार से 1 लाख रुपये तक है.
गलत पैन डिटेल देने पर भी लगेगा जुर्माना-
इन नियमों के अलावा अगर कोई व्यक्ति पैन कार्ड (आईटीआर में पैन कार्ड डिटेल) को आयकर खाते से लिंक नहीं करता है तो इसे भी अपराध की श्रेणी में गिना जाता है. इसके अलावा गलत पैन डिटेल देना भी अपराध है. ऐसा करने पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. टैन (कर कटौती एवं संग्रह खाता संख्या) के मामले में कोई गड़बड़ी पाए जाने पर भी 10 हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.