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पेंशनर्स ध्यान दें! जाने पेंशन पर TDS मे नए बदलावों से किसे मिलेगा लाभ, किसे होगा नुकसान?

सरकार ने पेंशनर्स के लिए TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) में कुछ अहम बदलाव किए हैं। अब पेंशन पर TDS की दरों में कुछ नई संशोधन किए गए हैं, जिससे कुछ पेंशनर्स को फायदा मिलेगा और कुछ को नुकसान हो सकता है। अगर आपकी पेंशन राशि ज्यादा है, तो आपको कम टैक्स भरना होगा, लेकिन अगर आपकी पेंशन सीमा कम है, तो आपको अधिक टैक्स का सामना करना पड़ सकता है। जानें कौन से पेंशनर्स को इस बदलाव से फायदा होगा और किसे नुकसान।
 
पेंशनर्स ध्यान दें! जाने पेंशन पर TDS मे नए बदलावों से किसे मिलेगा लाभ, किसे होगा नुकसान?
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Haryana update : भारत सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 और निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए TDS (Tax Deducted at Source) की दरों में बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव पेंशनभोगियों को कर प्रणाली में राहत देने के उद्देश्य से किए गए हैं। इस नए बदलाव के तहत पेंशन पर टैक्स की दरों को कम किया गया है, साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन और परिवार पेंशन पर छूट भी बढ़ाई गई है। इसके साथ ही, पेंशनभोगियों के लिए एक नई टैक्स व्यवस्था भी लागू की गई है, जिससे उन्हें अपनी कर देनदारी कम करने के बेहतर विकल्प मिलेंगे।

पेंशन पर TDS: क्या है यह प्रक्रिया?

TDS, या टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स, पेंशन भुगतान पर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पेंशन देने वाले से पेंशनभोगी के पेंशन भुगतान से टैक्स की कटौती की जाती है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सरकार द्वारा पेंशनभोगियों से अग्रिम कर संग्रह करना होता है। TDS की दरें पेंशनभोगी की कुल आय और लागू कर स्लैब पर निर्भर करती हैं। यह प्रक्रिया पेंशनभोगियों के लिए यह सुनिश्चित करती है कि वे समय पर अपना टैक्स अदा करें, और उन्हें टैक्स का बोझ एकमुश्त न झेलना पड़े।

नई कर व्यवस्था के तहत TDS की दरें

नई कर व्यवस्था में पेंशनभोगियों के लिए TDS की दरें इस प्रकार हैं:

  • ₹3,00,000 तक की वार्षिक पेंशन पर कोई TDS नहीं।
  • ₹3,00,001 से ₹6,00,000 तक 5% TDS।
  • ₹6,00,001 से ₹9,00,000 तक 10% TDS।
  • ₹9,00,001 से ₹12,00,000 तक 15% TDS।
  • ₹12,00,001 से ₹15,00,000 तक 20% TDS।
  • ₹15,00,000 से अधिक आय पर 30% TDS।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये दरें केवल नई कर व्यवस्था के तहत लागू होती हैं। यदि पेंशनभोगी पुरानी कर व्यवस्था का चयन करते हैं, तो उन पर अलग-अलग TDS दरें लागू होंगी।

स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि

नई कर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है, जो पहले ₹50,000 थी। इसका मतलब है कि अब पेंशनभोगी अपनी कुल पेंशन आय से ₹75,000 तक की कटौती का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उनकी कर देनदारी कम हो जाएगी। यह बदलाव पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनकी आय पर कर का बोझ कम होगा और अधिक राशि उनके हाथ में रहेगी।

परिवार पेंशन पर छूट

परिवार पेंशन प्राप्त करने वालों के लिए भी नई व्यवस्था के तहत एक बड़ी राहत दी गई है। पहले परिवार पेंशन पर ₹15,000 तक की छूट मिलती थी, जिसे अब बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है। यह खासकर उन परिवारों के लिए फायदेमंद है जो पेंशन पर निर्भर रहते हैं। इस छूट के कारण परिवार पेंशन पाने वालों को अधिक राहत मिलेगी और उनकी कर देनदारी कम होगी।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान

60 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए कुछ विशेष प्रावधान लागू किए गए हैं। ये प्रावधान उन्हें कर देनदारी में राहत देंगे:

  • 60-80 वर्ष आयु वर्ग के पेंशनभोगियों के लिए ₹3,50,000 तक की आय पर कोई TDS नहीं होगा।
  • 80 वर्ष और उससे अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए ₹5,00,000 तक की आय पर कोई TDS नहीं होगा।
  • इसके अलावा, चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर ₹50,000 तक की कटौती का लाभ भी वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगा।

इन विशेष प्रावधानों का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करना है, जिससे उन्हें अधिक राहत मिलेगी।

नई बनाम पुरानी कर व्यवस्था: पेंशनभोगियों के लिए विकल्प

पेंशनभोगियों को नई और पुरानी कर व्यवस्था में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलता है। दोनों कर व्यवस्थाओं के अपने फायदे और नुकसान हैं, और पेंशनभोगियों को अपनी आय और निवेश पैटर्न के आधार पर सही विकल्प चुनना चाहिए।

नई कर व्यवस्था के फायदे:

  • कम कर दरें, जिससे पेंशनभोगियों को कम टैक्स देना पड़ेगा।
  • सरल और पारदर्शी प्रक्रिया, जिससे टैक्स भरने में आसानी होगी।
  • अधिक स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा।

पुरानी कर व्यवस्था के फायदे:

  • कटौतियों और छूटों का लाभ मिलेगा।
  • उच्च आय वर्ग के लिए यह व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो सकती है।

पेंशनभोगियों को अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर यह निर्णय लेना चाहिए कि कौन सी कर व्यवस्था उनके लिए बेहतर है। अगर पेंशनभोगी नियमित निवेश करते हैं और कटौतियों का लाभ लेते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था उनके लिए अधिक लाभकारी हो सकती है।

TDS रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया

पेंशन भुगतानकर्ताओं के लिए TDS रिटर्न फाइल करना एक नियमित प्रक्रिया है, जो त्रैमासिक रूप से फाइल की जाती है। आयकर विभाग की वेबसाइट पर फॉर्म 26Q का उपयोग करके रिटर्न फाइल किया जाता है। यह न केवल कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि पेंशनभोगियों को भी राहत प्रदान करता है। सही और समय पर रिटर्न फाइल करने से पेंशनभोगी किसी भी प्रकार की समस्या से बच सकते हैं।

टैक्स बचाने के उपाय

पेंशनभोगी अपनी कर देनदारी को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

  1. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करें।
  2. टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट का लाभ उठाएं।
  3. चिकित्सा बीमा प्रीमियम का लाभ उठाएं।
  4. धारा 80G के तहत दान की कटौती का लाभ लें।
  5. सरकारी बॉन्ड में निवेश करें।

इन उपायों का सही उपयोग करके पेंशनभोगी अपनी टैक्स देनदारी को कम कर सकते हैं और अधिक बचत कर सकते हैं।

नई कर व्यवस्था में बदलाव पेंशनभोगियों के लिए राहत का कारण बने हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि, परिवार पेंशन पर अतिरिक्त छूट, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान पेंशनभोगियों की कर देनदारी को कम करेंगे। साथ ही, पेंशनभोगियों को अब TDS की कम दरों का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति बेहतर होगी।