Budget 2025: Tax Slab बदला, सैलरी पर क्या होगा असर? आइए जाने सब कुछ

Budget 2025 Explained (Haryana Update) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नौकरीपेशा मिडिल क्लास को 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट दी. नई टैक्स व्यवस्था में 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी. टीडीएस छूट की सीमा भी बढ़ाई गई. देश का आम बजट (बजट 2025) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरीपेशा मिडिल क्लास के लोगों को बड़ी खुशखबरी दी.
अब उन्हें 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. वहीं, स्टैंडर्ड डिडक्शन समेत 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी. नई टैक्स व्यवस्था में किए गए बदलावों के मुताबिक 12 लाख रुपये तक की आय पर 80,000 रुपये की टैक्स छूट मिलेगी. उन्हें अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसका मतलब यह है कि 8 से 10 लाख रुपये कमाने वाले लोग, जो नई टैक्स व्यवस्था में 10 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, उन्हें पूरी रकम की छूट मिल सकेगी.
12 लाख से ज़्यादा सैलरी है तो कितना लगेगा टैक्स?
इसी तरह 13 लाख रुपये सालाना सैलरी वाले लोग अब 12 लाख रुपये की सीमा से ज़्यादा इनकम टैक्स बचा सकेंगे, क्योंकि इसमें 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन और करीब 30,000 की राहत मिलेगी. यहां गौर करने वाली बात यह है कि पहले नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्थाओं में 15 लाख रुपये से ज़्यादा कमाने वालों पर 30% टैक्स लगता था. वहीं, अब 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये तक कमाने वालों के लिए 25% का स्लैब है. बजट 2025 में टैक्स स्लैब में बदलाव का मकसद मिडिल क्लास के लिए टैक्स कम करके उनके हाथ में ज़्यादा पैसे छोड़ना, घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा देना है. ऐसे में अगर आपकी सालाना सैलरी 12 लाख रुपये से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन अगर सैलरी 12 लाख से ज़्यादा है तो आपको कितना टैक्स देना होगा. आइए यहां समझते हैं।
TDS में भी राहत-
किराये से होने वाली सालाना आय पर TDS छूट की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है। वरिष्ठ नागरिकों और छोटे करदाताओं को TDS के दायरे से राहत मिलेगी। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, 'इससे TDS के अधीन लेन-देन की संख्या कम होगी, जिससे छोटे करदाताओं को कम भुगतान प्राप्त करने में लाभ होगा।'
पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव?
नवीनतम घोषणा के अनुसार, पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, इसने करदाताओं को उच्च दरों को बनाए रखते हुए विभिन्न छूट और कटौती का दावा करने की अनुमति दी है। पुरानी कर व्यवस्था के तहत मौजूदा कर स्लैब इस प्रकार हैं (वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लागू)
आय सीमा (रुपये में) कर दर (%)
2,50,000 रुपये तक 0
2,50,001 – 7,00,000 5%
7,00,001 – 10,00,000 10%
10,00,001 – 12,00,000 15%
12,00,001 – 15,00,000 20%
15,00,000 रुपये से ऊपर 30%
पुरानी कर व्यवस्था में, आप विभिन्न धाराओं के तहत कर छूट का लाभ उठा सकते हैं, जैसे…
धारा 80सी: पीपीएफ, ईएलएसएस और एलआईसी प्रीमियम जैसे निवेश के लिए 1,50,000 रुपये तक।
धारा 80डी: स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम।
धारा 24(बी): गृह ऋण पर 2,00,000 रुपये तक का ब्याज।
एचआरए और एलटीए जैसी अन्य छूट।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए क्या खास है:-
60-80 वर्ष की आयु के लोगों के लिए कर मुक्त सीमा 3 लाख रुपये होगी। जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए कर मुक्त सीमा 5 लाख रुपये होगी।