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Tax Rules : इनकम टैक्स की रेड को लेकर जानिए ये खास बातें

Tax Rules : आज की यह खबर आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है आज हम आपको बताएंगे इनकम टैक्स से जुड़ी कुछ अहम बातें इनकम टैक्स की रेड के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं की इनकम टैक्स की रेड कब पड़ती है जानिए खास बातें

 
Tax Rules : इनकम टैक्स की रेड को लेकर जानिए ये खास बातें 
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Haryana Update : Income Tax की Raid के दौरान जांच कर रहे अधिकारियों को आपके दस्तावेज, बहीखाता और रिकॉर्ड्स की जांच करने के साथ ही आपके व्यापार से जुड़ी चीजों और सामान की भी छानबीन करने का हक रखते हैं। इस प्रक्रिया में अधिकारी पूरी तरह से कानूनी तरीके से काम करते हैं और उनकी पावर होती है कि वे Tax चोरी से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकें। लेकिन वे किस स्थिति में Raid डालते हैं और क्या-क्या सामान जब्त कर सकते हैं, जानिये इसकी पूरी डिटेल।


इन जगहों पर कर सकते हैं छापामारी


Income Tax Department के अधिकारी धारा-132 के तहत किसी भी समय और किसी भी जगह पर कार्रवाई कर सकते हैं, चाहे वह घर हो या दफ्तर। Raid की शुरुआत का कोई तय समय नहीं होता और यह कितने घंटे चलेगी, यह भी पहले से नहीं पता होता। अगर कोई गलत काम मिले, तो अधिकारी चीजें जब्त भी कर सकते हैं। इस दौरान, परिसर में जो भी लोग होंगे, उनकी भी तलाशी ली जा सकती है। अधिकारी कुछ भी जानकारी निकालने के लिए ताले भी तोड़ सकते हैं और जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद भी ली जाती है। 

Income Tax की Raid पड़ने का कारण

काले धन को लेकर छापेमारी करने के साथ-साथ Tax चोरी पकड़ने की कार्रवाई को भी अंजाम देता है।वित्तीय Department के अधीन काम करने वाली एजेंसियां,  जैसे Income Tax विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और प्रवर्तन निदेशायल उन लोगों पर ध्यान रखते हैं, जो समय पर Tax नहीं भरते या अपनी आय छिपाते हैं।


जब कोई व्यक्ति Tax से जुड़े नियमों का पालन नहीं करता या उसकी कमाई और Tax में कोई मेल नहीं खाता, तो उस पर जांच शुरू हो सकती है। कभी-कभी इन एजेंसियों को गुप्त जानकारी मिलती है कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से पैसा इकट्ठा कर रहा है या Tax चोरी कर रहा है। फिर वह उस व्यक्ति पर नजर रखते हैं और जब सही मौका मिलता है, तो कार्रवाई की जाती है और Raid पड़ सकती है।


कैसे पड़ता है Income Tax का छापा

Income Tax अधिकारियों को किसी व्यक्ति पर Tax का भुगतान छिपाने आदि का शक होने पर होता है तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। Income Tax Department अचानक छापा मारने के लिए तत्पर रहता है और ज्यादातर अचानक से छापा मारने का प्रयास करता है।

यह छापे अक्सर सुबह या देर रात होते हैं, ताकि आरोपी को समझने का समय न मिले और आरोपी को बच निकलने का कोई मौका भी ना मिले। Raid के दौरान अधिकारी और पुलिस मौजूद रहते हैं, ताकि कोई समस्या न हो। इसके लिए घर या दफ्तर में एक अनुमति पत्र होता है और जांच के दौरान लोग बाहर नहीं जा सकते। यह कार्रवाई 2-3 दिन तक चल सकती है, जब तक पूरी जांच नहीं हो जाती।

Raid से पहले नहीं दी जाती कोई चेतावनी

आपको बता दें की Income Tax की Raid पड़ने से पहले कोई जानकारी या  चेतावनी नहीं दी जाती। Raid बिना किसी चेतावनी के पड़ती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है की Raid के दौरान घर का सारा सामान जब्त किया जा सके। Income Tax Department ने सामान जब्त करने के लिए एक List जारी कर रखी है, जिसके तहत आप यह जान सकते हैं कि कौन सा सामान जब्त होगा और कौन सा नहीं । 

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बस यह छोड़कर सबकुछ कर सकते हैं जब्त

अगर इनकम Department की Raid किसी दुकान या शोरूम पर पड़ती है, तो इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि दुकान में रखा सामान Raid के चलते सीधा जब्त किया जाएगा। उसे सिर्फ रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता है। इसके अलावा, उस सामान से जुड़ी कोई भी कागज पत्र जब्त किए जा सकते हैं। अगर दुकान या घर से बड़ी रकम, सोना या कुछ और मिलता है और वह व्यक्ति ने अपनी आय में वह सब दिखाया हो, तो वह सामान भी जब्त नहीं किया जा सकता।

क्या हैं Raid के दौरान आपके अधिकार

जब भी किसी के घर पर कोई जांच टीम आती है, तो सबसे पहले उनसे अपना दस्तावेज दिखाने को कहें। यदि घर की महिलाओं की जांच होनी हो, तो सिर्फ महिला अधिकारियों को ही यह अधिकार होता है। पुरुष अधिकारियों को महिलाओं की तलाशी लेने का अधिकार नहीं होता, चाहे उन्हें कोई शक ही क्यों न हो। इसके अलावा, जांच के दौरान किसी को अपना खाना खाने या बच्चों को स्कूल बैग ले जाने से रोका नहीं जा सकता है।

क्या है Income Tax सर्वे

Income Tax Department की ओर से ऐसी जांच धारा 133ए के तहत एक खास प्रक्रिया के तहत होती है, जो सिर्फ व्यापारिक स्थानों पर की जाती है। इसे किसी व्यक्ति के घर पर नहीं किया जा सकता, जब तक कि वहां व्यापार से जुड़े दस्तावेज न रखे गए हों। यह प्रक्रिया सिर्फ काम के दिनों में की जाती है और किसी भी अधिकारी को सामान जब्त करने का अधिकार नहीं होता। इस जांच में पुलिस का कोई भागीदारी नहीं होती है।