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SSY Vs SIP, बेटी के लिए क्या रहेगा बेहतर? जानिए ₹5,000 की कैलकुलेशन

SSY Vs SIP, Investment Tips for Daughter : SIP और SSY दोनों ही लंबी अवधि में बहुत सारा पैसा बचाने के लिए अच्छी योजनाएं हैं। लेकिन अगर आपको कोई एक योजना चुननी पड़े तो कहां निवेश करना बेहतर होगा? दोनों के फायदे, नुकसान और रिटर्न को देखने के बाद ही फैसला लें।

 
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SSY Vs SIP, Investment Tips for Daughter (Haryana Update) : अगर आप बेटी के पिता हैं और उसकी भविष्य की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके नाम पर निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आपके पास SIP और सुकन्या समृद्धि योजना दोनों ही विकल्प हैं। SIP एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है, जिसके जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है। जबकि SSY एक सरकारी स्कीम है, जिस पर फिलहाल 8.2% ब्याज मिल रहा है। लॉन्ग टर्म में मोटी रकम जोड़ने के लिहाज से दोनों ही स्कीम अच्छी हैं। लेकिन अगर आपको कोई एक स्कीम चुननी पड़े तो कहां निवेश करना बेहतर रहेगा? अगर आप यह सोचकर कंफ्यूज हैं, तो यहां दोनों स्कीम के रिटर्न को समझ लें, इससे आपको फैसला लेने में काफी आसानी होगी।

SSY Vs SIP: पहले फायदे और नुकसान को समझें
SSY का एक फायदा यह भी है कि इसमें आप तीन तरह से टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं। यह स्कीम EEE कैटेगरी में आती है। इसमें हर साल जमा की जाने वाली रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता, इसके अलावा हर साल मिलने वाले ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता और मैच्योरिटी के वक्त मिलने वाली पूरी रकम भी टैक्स फ्री होती है, यानी निवेश, ब्याज/रिटर्न और मैच्योरिटी में टैक्स की बचत होती है। लेकिन एसआईपी में आपको टैक्स छूट नहीं मिलती है. इसके अलावा सुकन्या समृद्धि में मिलने वाला रिटर्न फिक्स होता है, लेकिन एसआईपी में कोई गारंटीड रिटर्न नहीं होता क्योंकि ये मार्केट लिंक्ड होता है. हालांकि एक्सपर्ट इसे लॉन्ग टर्म में बेहतर निवेश विकल्प मानते हैं. एसआईपी में लॉन्ग टर्म में रुपए कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में जोखिम काफी कम हो जाता है.

SIP में औसत रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है. ये सुकन्या से काफी बेहतर है. कई बार आपको इससे ज्यादा ब्याज भी मिल जाता है. सुकन्या समृद्धि योजना में आप तभी निवेश कर सकते हैं, जब आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम हो. लेकिन एसआईपी से उम्र का कोई लेना-देना नहीं है, आप कभी भी बच्ची के नाम पर निवेश कर सकते हैं. बेशक आपको एसआईपी में 15 साल तक निवेश करना होता है, लेकिन उसके बाद आपका पैसा कई सालों तक लॉक रहता है. ऐसे में आप इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. एसआईपी लचीला होता है. इसे आप कभी भी शुरू कर सकते हैं और कभी भी बंद कर सकते हैं. एसएसवाई में सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं, लेकिन एसआईपी में ऐसी कोई सीमा नहीं है. इसमें आप कितनी भी रकम निवेश कर सकते हैं।

5000 रुपये मासिक जमा पर SSY रिटर्न
SSY में 15 साल के लिए निवेश किया जाता है, जिसके बाद उस रकम को लॉक कर दिया जाता है। यह स्कीम 21 साल बाद मैच्योर होती है, यानी आपको 21 साल बाद मैच्योरिटी की रकम मिलती है। ऐसे में अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना में हर महीने 5000 रुपये निवेश करते हैं तो एक साल में 60,000 रुपये और 15 साल में 9,00,000 रुपये निवेश होंगे। अगर मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से कैलकुलेट करें तो 8.2 फीसदी की ब्याज दर से 21 साल में कुल 18,71,031 रुपये ब्याज मिलेगा और 21 साल बाद मैच्योरिटी की रकम 27,71,031 रुपये होगी।

5000 रुपये की मासिक SIP से कितना रिटर्न
दूसरी ओर, अगर आप SIP के जरिए हर महीने 5000 रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो 15 साल में आप यहां भी 9,00,000 रुपये निवेश करेंगे. SIP पर औसत रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है. कई बार यह इससे भी ज्यादा होता है. ऐसे में अगर हम 12 फीसदी की दर से कैलकुलेट करें, तो 15 साल में आपको 9 लाख रुपये के निवेश पर 16,22,880 रुपये ब्याज मिलेगा. अगर आप 15 साल में यह रकम निकालते हैं, तो आपको 25,22,880 रुपये मिलेंगे. यह रकम 21 साल में सुकन्या समृद्धि पर मिलने वाले रिटर्न के करीब है. वहीं अगर आप इस निवेश को 1 साल और जारी रखते हैं, यानी 15 की जगह 16 साल के लिए निवेश करते हैं, तो आपको 12 फीसदी की दर से 29,06,891 रुपये मिलेंगे, जो सुकन्या समृद्धि योजना के रिटर्न से कहीं ज्यादा है। अगर आप इस निवेश को लगातार 21 साल तक जारी रखते हैं, तो आपको SIP के जरिए 12 फीसदी रिटर्न की दर से 56,93,371 रुपये तक मिल सकते हैं, जबकि आपका कुल निवेश 12,60,000 रुपये होगा। यानी आपको निवेश पर सिर्फ ब्याज के तौर पर 44,33,371 रुपये मिलेंगे।