Rent Agreement: घर किराए पर लेने जा रहे हैं? रेंट एग्रीमेंट में इन 5 बातों का रखें खास ध्यान

इसलिए रेंट एग्रीमेंट को सिर्फ एक कागज का टुकड़ा न समझें, बल्कि इसे मकान मालिक और किरायेदार के बीच भरोसे और जिम्मेदारी का कानूनी दस्तावेज मानें। इसमें लिखी हर शर्त आपके अधिकारों और कर्तव्यों को तय करती है।
अगर आप किराए पर घर लेने जा रहे हैं तो इन पांच अहम बातों पर खास ध्यान दें, जो आपको कानूनी तौर पर मजबूत बनाएंगी और मन की शांति भी देंगी।
1. लिखित एग्रीमेंट बनवाना बहुत जरूरी है
कई बार लोग भरोसे की वजह से बिना लिखित दस्तावेज के किराए पर घर लेने लग जाते हैं। यह सबसे बड़ी भूल हो सकती है। मौखिक समझौते के मामले में अगर विवाद हो, तो साबित करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमेशा रेंट एग्रीमेंट लिखित और स्टाम्प पेपर पर बना कर रजिस्टर कराएं। यह आपके लिए कानूनी सुरक्षा का सबूत होता है, जिसे कोर्ट में भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
2. किराया, डिपॉजिट और अवधि साफ-साफ लिखें
एग्रीमेंट में यह स्पष्ट होना चाहिए कि हर महीने किराया कितना देना है, एडवांस में कितने महीने का डिपॉजिट लिया गया है और किराए की अवधि कितनी है—चाहे वह 6 महीने हो, 11 महीने या 1 साल। साथ ही, किराया बढ़ाने की शर्तें भी स्पष्ट होनी चाहिए। कुछ मकान मालिक किराया बढ़ाने के नियम पहले ही एग्रीमेंट में लिख देते हैं ताकि बाद में किसी प्रकार की अनबन न हो।
3. बिजली, पानी और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी किसकी होगी
रेंट एग्रीमेंट में यह तय होना जरूरी है कि बिजली, पानी, गैस बिल और सोसाइटी मेंटेनेंस चार्ज कौन देगा—मकान मालिक या किरायेदार। अगर यह बात स्पष्ट न हो तो बाद में दोनों के बीच झगड़ा हो सकता है। इसलिए, इस हिस्से को एग्रीमेंट में अच्छे से लिखवाएं ताकि कोई परेशानी न हो।
4. रिपेयर और नुकसान के नियम समझना जरूरी
घर में अगर कोई खराबी आती है जैसे पानी का लीकेज, बिजली की वायरिंग में खराबी या टॉयलेट में कोई समस्या तो उसकी मरम्मत कौन करेगा? क्या मकान मालिक की जिम्मेदारी होगी या किरायेदार की? इसके अलावा, अगर किरायेदार की लापरवाही से घर को कोई नुकसान पहुंचता है, तो उसकी भरपाई कैसे होगी? ये सभी बातें रेंट एग्रीमेंट में साफ-साफ लिखी होनी चाहिए।
5. एग्जिट क्लॉज और नोटिस पीरियड का ध्यान रखें
अगर आपको रेंट के बीच में घर छोड़ना पड़े या मकान मालिक आपका रेंट बढ़ाना या नवीनीकरण नहीं करना चाहता, तो एग्रीमेंट में नोटिस पीरियड क्या होगा? उदाहरण के तौर पर 1 महीने या 2 महीने का नोटिस देना होगा या नहीं? बिना इस क्लॉज के अचानक घर छोड़ने या मकान मालिक के अचानक रेंट बढ़ाने पर विवाद होना स्वाभाविक है। इसलिए यह शर्त भी पूरी तरह समझ लें।
रेंट एग्रीमेंट क्यों जरूरी है?
रेंट एग्रीमेंट सिर्फ एक कागज पर दस्तखत भरने की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आपकी सुरक्षा का माध्यम है। यह दस्तावेज आपके और मकान मालिक के बीच की सारी जिम्मेदारियों और अधिकारों को साफ तौर पर परिभाषित करता है। एक मजबूत और सही तरीके से बना रेंट एग्रीमेंट आपके लिए भविष्य में कई तरह की समस्याओं से बचाव कर सकता है।
चाहे आप छोटे फ्लैट में रहें या बड़े बंगले में, एग्रीमेंट में कानूनी स्पष्टता होना जरूरी है। इससे आपको न सिर्फ कानूनी सुरक्षा मिलती है, बल्कि मन की शांति भी बनी रहती है।
रेंट एग्रीमेंट बनवाते वक्त और भी ध्यान रखने वाली बातें
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फोटो आईडी और पता प्रमाण जरूर मांगे: मकान मालिक की पहचान और पता साफ होना चाहिए ताकि कोई धोखाधड़ी न हो।
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फर्नीचर और सामान का ब्योरा: अगर मकान किराए पर फर्नीश्ड है तो उस फर्नीचर और सामान की सूची एग्रीमेंट में शामिल करें।
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किराया भुगतान का तरीका: नकद, चेक या ऑनलाइन ट्रांसफर, जो भी हो, उसका रिकॉर्ड रखें।
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संपत्ति की स्थिति का ब्योरा: घर का हालात और साफ-सफाई की स्थिति का भी दस्तावेजीकरण जरूरी है।
क्या बिना रेंट एग्रीमेंट किराए पर रहना सही है?
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर मकान मालिक से भरोसा हो तो रेंट एग्रीमेंट जरूरी नहीं। लेकिन यह सोच गलत है। भरोसे पर आधारित मौखिक समझौते से बचना चाहिए क्योंकि बाद में अनचाही समस्याएं आ सकती हैं। कानूनी तौर पर आप तब सुरक्षित रहेंगे जब आपके पास सही तरीके से बना रेंट एग्रीमेंट होगा।