logo

RBI ने CIBIL स्कोर को लेकर लागू किए 6 नए नियम!

RBI New Update :भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने CIBIL स्कोर से जुड़ी शिकायतों को लेकर कुछ नए और सख्त नियम लागू किए हैं। ये नियम 26 जनवरी से लागू हो गए हैं और इनका उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का तेजी से और पारदर्शी तरीके से समाधान करना है। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में...
 
RBI ने CIBIL स्कोर को लेकर लागू किए 6 नए नियम
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

RBI New Update (Haryana Update) : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने CIBIL स्कोर से जुड़ी शिकायतों को लेकर कुछ नए और सख्त नियम लागू किए हैं। ये नियम 26 जनवरी से लागू हो गए हैं और इनका उद्देश्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का तेजी से और पारदर्शी तरीके से समाधान करना है। 

1. शिकायतों की जानकारी देनी होगी।
अब क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर प्राप्त शिकायतों की संख्या बतानी होगी। यह जानकारी अनिवार्य रूप से साझा करनी होगी, ताकि उपभोक्ता को अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

2. CIBIL स्कोर चेक की जानकारी भेजनी होगी।
अगर कोई बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) उपभोक्ता की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है, तो उसे उपभोक्ता को SMS या ईमेल के ज़रिए इसकी जानकारी देनी होगी। ग्राहकों की समस्याओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

3. आवेदन खारिज होने का कारण बताना होगा।
अगर कोई उपभोक्ता अपना आवेदन करता है और उसे खारिज कर दिया जाता है, तो उसे खारिज होने का कारण बताना होगा। इस नियम से उपभोक्ता को यह समझने में मदद मिलेगी कि उसका आवेदन क्यों खारिज किया गया।

4. पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देखने का अधिकार।
अब उपभोक्ताओं को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में देखने का अधिकार मिलेगा। क्रेडिट कंपनियां अपनी वेबसाइट पर लिंक उपलब्ध कराएंगी, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी रिपोर्ट देख सकें और उसमें सुधार करवा सकें।

5. लोन डिफॉल्ट की जानकारी पहले दी जाएगी।
अगर किसी बैंक को उपभोक्ता के लोन को डिफॉल्ट घोषित करना है, तो उसे पहले उपभोक्ता को सूचित करना होगा। इससे उपभोक्ता को सुधार का मौका मिलेगा और कोई गलतफहमी नहीं होगी।

6. 30 दिन में शिकायत का निपटारा होगा।
अब क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को 30 दिन के अंदर उपभोक्ता की शिकायतों का निपटारा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर उन्हें 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। लोन देने वाली संस्थाओं को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा।