logo

RBI ने FD, सेविंग खाता और बैंक लॉकर को लेकर नए आदेश किए जारी!

Reserve Bank of India :देश में डिजिटलाइजेशन के चलते बैंकों में खातों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लोग अब अपना पैसा कैश की जगह बैंक में रखना पसंद कर रहे हैं। लोग बैंकों में लाखों-करोड़ों रुपए जमा कर रहे हैं। इस पैसे को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने बचत खाते, बैंक लॉकर और एफडी को लेकर कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। सभी बैंकों को इन नियमों का पालन करने को कहा गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को सर्कुलर भेजकर एक अहम निर्देश दिया है। 

 
Reserve Bank of India
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Reserve Bank of India (Haryana Update) : यह निर्देश सभी बैंकों के लिए अनिवार्य है। लोगों की परेशानी कम करने के लिए रिजर्व बैंक ने यह बड़ा कदम उठाया है। भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया सर्कुलर के मुताबिक बैंक फॉर्म में कुछ बदलाव किए जाने वाले हैं। आरबीआई ने बैंकों को इस नए आदेश के बारे में लोगों को सूचित करने का निर्देश भी दिया है। आरबीआई ने सभी बैंकों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं- भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को बैंक खातों के नॉमिनी तय करने को कहा गया है। आरबीआई ने बैंकों को सभी नए और पुराने ग्राहकों के एफडी और बचत खातों पर नॉमिनी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के परिवार के सदस्यों को किसी भी कठिनाई से बचाना है।

अधिकांश खातों में नहीं होते नॉमिनी-
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने FD, बचत खाता और सुरक्षित लॉकर के खाताधारकों के लिए नॉमिनी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। नॉमिनी उस खाते का कानूनी उत्तराधिकारी होता है, जो खाताधारक की मृत्यु के बाद परिवार की मदद करेगा। RBI के सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि कई उपभोक्ताओं के खातों में नॉमिनी नहीं होते हैं।

RBI ने सर्कुलर क्यों जारी किया?
RBI ने पाया कि कई खाताधारकों के पास नॉमिनी नहीं होते हैं। जब खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को जमा पूंजी पाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर खाते में कोई नॉमिनी है, तो वह कानूनी उत्तराधिकारी बन जाता है और खाताधारक की मृत्यु के बाद उस सदस्य को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आसानी से संपत्ति मिल जाती है।

लोगों को देनी होगी जानकारी-
RBI के सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि सभी बैंकों, चाहे वे अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक हों, प्राथमिक बैंक हों, सहकारी बैंक हों या गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान हों, सभी को नॉमिनी से जुड़े निर्देशों का पालन करना होगा। बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे लोगों को नॉमिनी के फायदे समझाएं और इसके बारे में जानकारी दें। भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, उपभोक्ता सेवा समिति या निदेशक मंडल के नॉमिनी की स्थिति की समय-समय पर जांच की जाएगी। इसकी तिमाही प्रगति रिपोर्ट दक्ष पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रक्रिया 31 मार्च से शुरू होगी।

फॉर्म में होगा बदलाव-
खाता खोलने के लिए जो फॉर्म भरा जाएगा, उसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे। आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक, फॉर्म में एक विकल्प दिया जाएगा, जिससे ग्राहक अपना नॉमिनी चुन सकेगा। इसके अलावा, फॉर्म में नॉमिनी को मना करने का भी विकल्प उनके पास होगा। इसके लिए एक खास अभियान भी चलाया जाएगा।

कौन होता है नॉमिनी, क्या हैं इसके फायदे?
खाते में नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जिसे खाताधारक अपनी मर्जी से चुनता है। जब खाताधारक की मौत हो जाती है, तो वही नॉमिनी खाते से पैसे प्राप्त करता है। खाताधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को पैसे मिलने में आसानी होती है और वह कभी भी अपना नॉमिनी बदल भी सकता है।

नॉमिनी न होने पर होती हैं कई मुश्किलें-
अगर किसी खाताधारक के बैंक खाते में कोई नॉमिनी नहीं है तो उसकी मृत्यु के बाद परिवार के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्हें खाते की संपत्ति पर अधिकार पाने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। वहीं अगर कोई नॉमिनी है तो परिवार का कोई भी सदस्य इन कानूनी झंझटों से बच सकता है। नॉमिनी खाताधारक के पते, बैंक डिटेल और आईडी के जरिए उसका पैसा निकाल सकता है। अगर कोई नॉमिनी नहीं है तो बैंक से पैसे निकालने में कानूनी अड़चनें आ सकती हैं। किसी की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति को लेकर परिवार में विवाद भी हो सकता है। हर कोई खुद को वारिस साबित करने की कोशिश में कोर्ट पहुंच जाता है, जहां मामला सालों तक चल सकता है। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार खाते में नॉमिनी जरूर नियुक्त किया जाना चाहिए।